अयोध्या: राम मंदिर के दूसरे मंजिल का निर्माण मार्च से शुरू होगा
अयोध्या: राम मंदिर का दूसरा मंजिल काम मार्च से शुरू होगा, प्रथम मंजिल का 85 फीसदी काम पूरा हो गया है। पूर्ण प्रतिष्ठा समारोह के कारण 15 जनवरी से मंदिर निर्माण का कार्य ठप हो गया था, लेकिन अब कार्य फिर से शुरू होने की तैयारी है।
राम मंदिर के उद्घाटन के बाद, शनिवार को राम मंदिर निर्माण समिति की पहली बैठक होगी। समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र शुक्रवार को अयोध्या एयरपोर्ट पर पहुंचे।
पहली मंजिल के 85 फीसदी काम पूरा हो चुका है, जबकि दूसरे मंजिल का काम मार्च से शुरू होगा। प्रतिष्ठा समारोह के बाद, मंदिर निर्माण का कार्य फिर से गति पकड़ने की तैयारी है।
नृपेंद्र मिश्र ने शुक्रवार को राम जन्मभूमि परिसर का निरीक्षण किया। उन्होंने सबसे पहले तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र के निर्माण की प्रगति की।
तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र के पहले मंजिल का काम अभी भी शेष है, जिसमें लिफ्ट भी लगाई जाएगी। इसमें करीब छह हजार लॉकर भी लगाए जाएंगे।
राम मंदिर के पहले मंजिल का शेष 15 फीसदी काम मार्च तक पूरा किया जाएगा, फिर दूसरे मंजिल का काम शुरू होगा। दूसरे मंजिल का काम दिसंबर तक पूरा किया जाने का लक्ष्य है।
समिति के अध्यक्ष ने राम जन्मभूमि पथ पर लगाए गए सुरक्षा उपकरणों की जाँच की। उन्होंने सभी अपडेटेड उपकरणों को 15 दिन के भीतर इंस्टॉल करने का निर्देश दिया। इस दौरान राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव, ट्रस्टी, और कार्यदायी संस्था के इंजीनियर भी मौजूद थे।
Question and Answer
प्रश्न 1: मंदिर निर्माण के कार्य क्यों रोके गए थे?
उत्तर: मंदिर के पूर्ण प्रतिष्ठा समारोह के कारण, 15 जनवरी से मंदिर निर्माण के कार्य ठप हो गए थे।
प्रश्न 2: क्या मंदिर निर्माण के कार्य फिर से शुरू हो रहे हैं?
उत्तर: हां, अब मंदिर निर्माण के कार्य फिर से शुरू हो रहे हैं और तेजी से प्रगति हो रही है।
प्रश्न 3: उपकरणों की स्थिति क्या है?
उत्तर: सुरक्षा उपकरणों की स्थिति समीक्षा की गई है और उनकी ताजगी सुनिश्चित की गई है। बाकी उपकरणों को 15 दिनों के भीतर स्थापित किया जाएगा।
प्रश्न 4: मंदिर के निर्माण में कितनी मंजिलें हैं?
उत्तर: मंदिर में दो मंजिलें हैं। पहली मंजिल का काम पूरा हो चुका है, जबकि दूसरी मंजिल का काम मार्च से शुरू होगा।
प्रश्न 5: काम कैसे संगठित किया जा रहा है?
उत्तर: अब दिन और रात के काम की व्यवस्था की गई है। यात्री के प्रवास क्षेत्र में काम दिन में किया जाएगा, जबकि दर्शनार्थी के क्षेत्र में काम रात में किया जाएगा।