खर-दूषण वध प्रसंग

सूर्पनखा और खर-दूषण

खर दूषण के पास पहुंची सूर्पनखा। नाक और कानों से खून का फवारा निकल रहा है। खून से लत पत सूर्पनखा का स्वरूप है। खर दूषण और त्रिसिरा देखते ही आवेश में आ गए और पूछते हैं, किसने किया तुम्हारा यह हाल।

शूर्पणखा ने बताया वन में दो भाई है ,और उनके साथ एक सुंदर स्त्री है। उन्हीं ने मेरा यह हाल किया है। इतना सुनते ही खर-दूषण और त्रिसिरा पहुंचे सारी सेना लेकर श्री राम के पास युद्ध करने हेतु।

सूर्पनखा और खर-दूषण

प्रभु श्री राम ने ऐसी माया रची, सभी को एक दूसरे में प्रभु श्री राम दिखाई देने लगे। आपस में ही सभी ने एक दूसरे को मार दिया। प्रभु ने ऐसा क्यों किया? क्योंकि खर और दूषण दोनों को वरदान था।

की खर-दूषण को मारेगा और दूषण खर को मारेगा। इसीलिए प्रभु ने यह माया रची और दोनों ने एक दूसरे को समाप्त कर दिया। जब सभी लोगों ने एक दूसरे को समाप्त कर दिया। जब पूरी सेना और खरदूषण समाप्त हो गए।

तो सूर्पनखा पहुंची रावण के पास। पहले रावण के पास क्यों नहीं गई? जबकि लक्ष्मण जी ने कहा था, कि जाकर देना अपने नाक कान और कहना मैंने चुनौती भेजी है।

क्योंकि सूर्पनखा जानती है, कि जितना बल रावण में है उतना ही बल खर-दूषण में भी है। जिस समय रावण ने शूर्पणखा के पति का वध किया। उसी समय शूर्पणखा ने मन में प्रण लिया, कि मैं तुम्हारा सर्वनाश कर दूंगी।

खर-दूषण को इसीलिए राम जी के पास लेकर गई। यदि राम जी इन्हें मार देंगे तो यह रावण को भी मार सकते हैं। इसीलिए पूरा खरदूषण को राम जी के पास लेकर गए।

Summary

 

श्री रामायण की कहानी पर आधारित है, जो सूर्पणखा के और उसके भाइयों खर और दूषण के बीच घटी। सूर्पणखा ने खर और दूषण को श्री राम के पास ले जाने के लिए कहा, जिन्होंने फिर युद्ध की घोषणा की।

कहानी में श्री राम ने एक मायावी रचना बनाई, जिससे खर और दूषण ने आपस में ही एक दूसरे को मार डाला। इससे प्रकट हुआ कि उन्हें दोनों को ही वरदान मिला था कि जो भी दूसरे को मारेगा, वह भी मारा जाएगा। इसके बाद श्री राम ने उन्हें समाप्त कर दिया।

सूर्पणखा ने रावण के पास जाने से पहले इनकी रचना का कारण जानने के लिए खरदूषण को राम के पास ले गई, क्योंकि वह जानती थी कि खरदूषण में भी शक्ति है जो रावण में है।

Question and Answer

 

प्रश्न 1: सूर्पणखा की कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?

उत्तर: सूर्पणखा की कहानी बताती है कि हिंसा और प्रतिशोध से समस्याएं हल नहीं होतीं, बल्कि समझदारी और समर्पण से ही शांति संभव होती है।

प्रश्न 2: सूर्पणखा ने खर और दूषण को श्री राम के पास क्यों ले जाया?

उत्तर: सूर्पणखा ने खर और दूषण को श्री राम के पास इसलिए ले जाया ताकि वह उनकी रचना का कारण जान सके और उन्हें इस घटना का नतीजा समझा सके।

 

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