शिव जी माता पार्वती को काग भूसुंडी जी के साथ अपनी चोरी की कथा सुनाते हैं।
शिव जी ने माता पार्वती की प्रशंसा की है, और भगवान शिव कहते हैं। देवी मैंने एक चोरी की है। जब भगवान ने जन्म लिया तो मैं आपको बिना बताए दर्शन करने चला गया था।
मां ने कहा अकेले चले गए थे। बाबा बोले देवी में कागभुसुंडि जी के साथ गया था मां ने कहा प्रभु इसी रूप में गए थे। बाबा बोले मनुष्य का रूप धारण करके गए थे और कोई जान नहीं पाया हमको।
कुछ दिन बीते नामकरण संस्कार का समय आया। गुरुदेव ने सभी प्रकार से पूजन किया। गुरुदेव ने दशरथ जी के सभी पुत्रों का नाम करण किया। शिव जी ने और का भूसुंडी जी ने ज्योतिष का रूप लिया।
रूप लेकर अयोध्या में भ्रमण करने लगे। बाबा सभी अयोध्या वासियों को भविष्य बताने लगे। जब यह बात पूरे नगर में फैली की कोई बाबा है जो भविष्य बताते हैं। लोगों की भीड़ बढ़ने लगी।
जब यह बात कौशल्या जी को पता चली। बुलाए बाबा को महल में। महल के द्वार पर द्वारपालों ने रोक लिया और बोले दोनों में से केवल एक ही अंदर जाएगा।
बाबा अंदर गए और फिर कागभुसुंडि जी को अपनी युक्ति बढ़कर अंदर बुला लिया। दोनों ने प्रभु के सभी प्रकार से दर्शन किए। मन आनंद से तृप्त हो गया।
सभी प्रकार से दर्शन करके काभूसुंडी दीजिए एवं शिवजी अपने लोक को गए। उसके पश्चात भगवान का जनेऊ संस्कार, जुड़ा संस्कार सभी प्रकार के संस्कार हुए। और वह विद्या प्राप्त करने के लिए गुरुकुल गए।
विद्या प्राप्त करने के पश्चात वह अयोध्या लौटे। उसके पश्चात विश्वामित्र जी से आयुध की शिक्षा प्राप्त की।
Summary
भगवान शिव ने अपनी चोरी की कहानी साझा की, जब उन्होंने बिना बताए माता पार्वती के दर्शन के लिए जाने का वर्णन किया। उन्होंने मां को कहा कि वे कागभुसुंडि जी के साथ गए थे,
और मां ने उन्हें माना कि वे मानव रूप धारण करके गए थे। बाद में नामकरण संस्कार में शिव और कागभुसुंडि जी ने अयोध्या में भ्रमण किया और भविष्य बताने लगे, जिससे लोगों में उनकी प्रतिष्ठा बढ़ी।
यह सब सुनकर कौशल्या ने उन्हें महल में बुलाया, लेकिन द्वारपालों ने उन्हें एक ही व्यक्ति को अंदर जाने की अनुमति दी। शिव ने कागभुसुंडि को युक्ति से अंदर बुलाया और वहाँ भगवान के दर्शन किए। और अपने लोक को गए।
Question and question
1.कौशल्या ने बाबा को महल में क्यों बुलाया था?
उत्तर: उन्होंने भविष्य बताने वाले बाबा की प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए।
2.शिव और कागभुसुंडि जी ने अयोध्या में क्या किया था?
उत्तर: नामकरण संस्कार के दौरान वहाँ भ्रमण किया और भविष्य बताया।
3.बाबा और कागभुसुंडि जी ने किसे अंदर बुलाया था और क्यों?
उत्तर: शिव ने कागभुसुंडि जी को अपनी युक्ति से अंदर बुलाया ताकि उन्हें भगवान के दर्शन हो सकें।