श्री राम जन्म उत्सव

 श्री राम जन्म कथा

श्री राम जन्म से पूर्व सभी देवताओं ने पृथ्वी पर जन्म लिया। ब्रह्मा जी ने सभी देवताओं को आदेश दिया। सभी देवता रिच बानर बनकर पृथ्वी पर जन्म लेंगे।

ब्रह्मा जी जामवंत बने। भगवान शिव हनुमान बने। देवताओं के राजा इंद्र बली बने। सूर्य नारायण सुग्रीव बने। विश्वकर्मा जी ने नल नील का रूप लिया।

भगवान शिव माता से कहते हैं देवी अयोध्या पुरी रघुवंश है, रघुकुल मणि वेद जिनका नाम दशरथ जी बताते हैं। परिचय क्या है- धर्म की दूरी को धरण किए हुए हैं महाराज।

जीवन के चौथे पन में महाराज के मन में गलानी हुई। मेरे बाद मेरे पितरों को जल कौन देगा। महाराज गए गुरुदेव भगवान को सारा सुख-दुख सुनाया। गुरुदेव बोले राजन आप चिंता ना करें आपको एक नहीं चार पुत्रों का सुख प्राप्त होगा।

गुरुदेव भगवान ने रचना की पुत्र कामेष्ठि यज्ञ की। श्रृंगी ऋषि को बुलाया। श्रृंगी ऋषि कौन श्री राम जी के जीजा जी शांता जी के पति हैं। श्रृंगी ऋषि आए यज्ञ प्रारंभ हुआ।

यज्ञ से अग्नि नारायण उत्पन्न हुए। हाथ में यज्ञ का प्रसाद लेकर महाराज के पास गए और बोले, आधा भाग कौशल्या जी को दीजिए और आधे में से दो भाग करेगा।

जिसमें एक भाग कैकई जी को दीजिएगा। और बचे हुए भाग को दो भाग में बाटकर कौशल्या जी और कैकईजी को देखकर कहिएगा। प्रसन्न मन से सुमित्रा जी को प्रसाद देगी।

सभी रानियों ने प्रसाद ग्रहण किया। और जैसे कौशल्या जी ने प्रसाद ग्रहण किया। कौशल्या जी के अंक में राघव जी आ गए। देखते देखते 12 महीने बीते। 

जोग लगन ग्रह बार तिथि सकल भए अनुकूल। चर अरु अचर हर्षजुत राम जनम सुखमूल॥ लग्न वार तिथि सभी अनुकूल हुए चैत्र मास शुक्ल पक्ष नवमी तिथि मंगलवार 11:30 बजे अभिजीत मुहूर्त में जन्म लिया। 

श्री राम जन्म उत्सव

मां की कोख से प्रकाश पुंज निकला।  तभी शंकर जी माता से कहते हैं देवी देखिए-

 भए प्रगट कृपाला दीनदयाला कौसल्या हितकारी।
हरषित महतारी मुनि मन हारी अद्भुत रूप बिचारी॥
लोचन अभिरामा तनु घनस्यामा निज आयुध भुजचारी।
भूषन बनमाला नयन बिसाला सोभासिंधु खरारी॥

 कह दुइ कर जोरी अस्तुति तोरी केहि बिधि करौं अनंता।
माया गुन ग्यानातीत अमाना बेद पुरान भनंता॥
करुना सुख सागर सब गुन आगर जेहि गावहिं श्रुति संता।
सो मम हित लागी जन अनुरागी भयउ प्रगट श्रीकंता॥

ब्रह्मांड निकाया निर्मित माया रोम रोम प्रति बेद कहै।
मम उर सो बासी यह उपहासी सुनत धीर मति थिर न रहै॥
उपजा जब ग्याना प्रभु मुसुकाना चरित बहुत बिधि कीन्ह चहै।
कहि कथा सुहाई मातु बुझाई जेहि प्रकार सुत प्रेम लहै॥

माता पुनि बोली सो मति डोली तजहु तात यह रूपा।
कीजै सिसुलीला अति प्रियसीला यह सुख परम अनूपा॥
सुनि बचन सुजाना रोदन ठाना होइ बालक सुरभूपा।
यह चरित जे गावहिं हरिपद पावहिं ते न परहिं भवकूपा॥

महाराज को पुत्र की सूचना प्राप्त हुई। सभी मंगल गीत गाने लगे। जय जयकार होने लगी। आकाश से फूलों की वर्षा होने लगी। तभी एक दासी ने महाराज को आकर सूचना दी कैकई जी ने एक और सुमित्रा जी ने दो पुत्रों को जन्म दिया।

अयोध्या के सभी घरों में मंगल गीत गाने लगे। सूर्यनारायण उत्सव का दर्शन करते हैं, और दर्शन करते-करते एक माह बीत गया। मास दिवस कर दिवस भा मरम न जानइ कोइ। रथ समेत रबि थाकेउ निसा कवन बिधि होइ॥

यहां एक महीने तक दिन बन रहा लेकिन किसी को पता नहीं चला। एक महीना बीता सूर्यनारायण भगवान को प्रणाम कर चले। बाबा मा से कहते हैं, एक बार मैं भी कागभुसुंडिजी के साथ श्री राम जी के जन्मोत्सव में गया था।

summary

श्री राम जन्म कथा का वर्णन किया गया है। ब्रह्मा जी ने सभी देवताओं को पृथ्वी पर जन्म लेने का आदेश दिया था, और इससे पहले, उन्होंने भी विभिन्न देवताओं के रूप में जन्म लिया। इसके बाद, भगवान शिव, हनुमान, बली, सुग्रीव, और अन्य देवताएं भी पृथ्वी पर जन्म लें।

इसके पश्चात्, ब्रह्मा जी ने पुत्र कामेष्ठि यज्ञ का आयोजन किया, जिसमें अग्नि नारायण उत्पन्न हुई। यज्ञ के द्वारा, श्री राम जी का जन्म हुआ।

 श्री राम जन्म के प्रमुख घटनाओं का वर्णन किया गया है, जैसे कि चैत्र मास के नवमी तिथि पर उनका जन्म हुआ और उनकी दिव्य स्वरूप का वर्णन किया गया है। इसके साथ ही, ब्रह्मांड में इस महत्वपूर्ण घटना के माहौल का भी विवरण दिया गया है।

Question and Answer

 

 

प्रश्न 1: श्री राम जन्म  से पूर्व सभी देवताओं ने क्या किया था?

उत्तर: श्री राम जन्म  से पूर्व, सभी देवताएं पृथ्वी पर जन्म ली थीं, और ब्रह्मा जी ने सभी देवताओं को आदेश दिया था कि वे पृथ्वी पर अवतरण  ले

प्रश्न 2: ब्रह्मा जी और देवताओं के अवतार किस रूप में हुए थे?

उत्तर: ब्रह्मा जी  जामवंत बने थे, भगवान शिव हनुमान बने थे, इंद्र बली बने थे, सूर्य नारायण सुग्रीव बने थे, और विश्वकर्मा जी ने नल और नील के रूप में अवतरण किया था।

प्रश्न 3: श्री राम जन्म के संदर्भ में क्या हुआ था?

उत्तर: श्री राम  जन्म के समय, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को, मंगलवार को 11:30 बजे अभिजीत मुहूर्त में  जन्म लिया

 

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