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भूतेश्वर नाथ महादेव मंदिर, जयपुर:(Bhuteshvar nath mahadev mandir jaipur)
जयपुर शहर के आसपास स्थित भूतेश्वर नाथ महादेव मंदिर का इतिहास जयपुर के वसने से पहले का बताया जाता है। इस मंदिर को अरावली की पहाड़ियों के बीच में स्थापित किया गया है, जो जयपुर के आमेर क्षेत्र में अनदेखे ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों की सौंदर्य पर ध्यान आकर्षित करते हैं। यहाँ की विशेषता यह है कि यह मंदिर पहाड़ियों से घिरा हुआ है।
जयपुर, राजस्थान की राजधानी, में भगवान महादेव के कई प्रमुख मंदिर हैं, जिनकी सभी अपनी अद्भुत कहानी से भरपूर हैं। भूतेश्वर नाथ महादेव मंदिर भी उनमें से एक है, जिसमें अनोखी कहानी छिपी है। महाशिवरात्रि के दिन इस मंदिर में सुबह 6 बजे से रात 11-12 बजे तक भक्तों की भीड़ लगी रहती है। यहाँ के निवासी बताते हैं कि यह मंदिर आसपास के लोगों के बीच मशहूर है।
इस मान्यता के अनुसार, इस मंदिर में जो कोई भी मांगता है, उसे भूतेश्वर नाथ महादेव पूरा करते हैं। यहाँ अंबर, जयपुर, हरियाणा और दिल्ली से लोग दर्शन करने आते हैं। यह एक अनोखा मंदिर है और सावन के महीने में यहाँ काफी भीड़ उमड़ जाती है। लगभग 30 साल से इस मंदिर में दर्शन करने वाले दयाशंकर ने कहा है कि इस मंदिर की महिमा अद्वितीय है। इस मंदिर की स्थापना कब हुई इस बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है।
भूतेश्वर नाथ महादेव मंदिर का इतिहास (Bhuteshvar nath mahadev mandir history)
मंदिर पर चढ़ने के लिए कई सीढ़ियां बनी हुई हैं। ऊपर जाने पर मंदिर पत्थर के कई खंभों पर खड़ा है। गर्भगृह और मंदिर को देखने पर मंदिर की प्राचीनता का आभास होता है। गर्भगृह के अंदर प्राचीन स्वयंभू शिवलिंग मौजूद है। शिवलिंग की लंबाई करीब २.५ फीट है और इसे अत्यंत अलौकिक प्रतीत किया जाता है।
मंदिर में सेवा पूजा का कार्य पुजारी ओमप्रकाश पारीक का परिवार अपनी तेरह पीढ़ियों से कर रहा है। इस मंदिर को बनाने वाले कारीगर का नाम चंदाराम कुमावत था।
बाद में इस स्थान पर मंगल बंदी नाम के एक तपस्वी महात्मा आए और उन्होंने अपनी तपस्या के बल से उन जिन्नों और भूतों को जीत लिया, जो मंदिर में पूजारी को मार डालते थे।
आज भी मंगल बंदी महाराज की समाधि मंदिर के पास एक तपस्या स्थल पर है। पुजारी बताते हैं कि महाराज के पास चार शिष्य रहते थे, जिनके नाम केदार बंदी, शंकर बंदी आदि थे।
भूतेश्वर नाथ महादेव मंदिर जयपुर के चारों तरफ जंगल
भूतेश्वर नाथ महादेव मंदिर की बड़ी महिमा है, जो इस मंदिर को जयपुर शहर के बसने से पहले का बताती है। इसकी वास्तुकला 17वीं शताब्दी में बनाई गई थी और यहाँ के लोग बताते हैं कि धीरे-धीरे इसमें और भी कई निर्माण किए गए। मंदिर की विशेषता यह है कि यह गहरे और घने जंगल के बीच में स्थापित किया गया है।
भूतेश्वर नाथ महादेव मंदिर आमेर में नाहरगढ़ अभ्यारण्य से पांच किलोमीटर अंदर जाकर पहाड़ी के बीच में स्थित है। इसका इतिहास कोई नहीं जानता, पर यहाँ की कहानी बहुत ही रहस्यमय है। इस मंदिर में अब भक्तों की भीड़ होती है और पूजा-अर्चना की जाती है।
Question and Answer
पृश्न 1: भूतेश्वर नाथ महादेव मंदिर कहाँ स्थित है?
उत्तर: भूतेश्वर नाथ महादेव मंदिर जयपुर के आमेर क्षेत्र में स्थित है।
पृश्न 2: मंदिर का इतिहास क्या है?
उत्तर: इस मंदिर की स्थापना जयपुर के बसने से पहले हुई थी, लेकिन इसके बारे में अधिक जानकारी नहीं है।
पृश्न 3: भूतेश्वर नाथ महादेव मंदिर में क्या मान्यताएँ हैं?
उत्तर: मान्यता है कि इस मंदिर में जो कुछ भी मांगता है, उसे भूतेश्वर नाथ महादेव पूरा करते हैं। यहाँ के लोग दर्शन करने भारी संख्या में आते हैं।
पृश्न 4: मंदिर की विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर: यह मंदिर घने जंगल के बीच स्थित है और इसकी वास्तुकला 17वीं शताब्दी में बनाई गई थी। इसकी प्राचीनता और अद्भुतता इसे विशेष बनाती है।