भूतेश्वर महादेव मंदिर में विशेषता: धार्मिक महत्त्व और अनूठा इतिहास
Bhuteshvar mahadev mandir: भूतेश्वर महादेव को 40 दिनों की पूजा से प्रसन्न होते हैं। भूतेश्वर महादेव मंदिर श्रीधर में स्थित एक प्राचीन सिद्धपीठ है जो अपने अनूठे इतिहास के साथ प्रसिद्ध है। इस मंदिर की स्थापना मराठा काल में भूगर्भ से शिवलिंग के प्रकट होने पर हुई थी। यहां 40 दिनों तक नियमित दीपक जलाने वाले भक्त को मनोवांछित फल मिलता है।
Bhuteshvar mahadev mandir प्रांगन: श्रावण मास में भूतेश्वर महादेव मंदिर अत्यंत महत्त्वपूर्ण हो जाता है। 22 बीघा भूमि पर बना यह मंदिर अपने पौराणिक और धार्मिक महत्त्व के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर की स्थापना 17वीं शताब्दी में भूगर्भ से शिवलिंग के प्रकट होने पर हुई थी। मंदिर की नक्काशी जो मन को आकर्षित करती थी, उसे मंदिर के रख-रखाव और सुंदरीकरण के दौरान खत्म कर दिया गया।
महानगर में चार शिवालयों में भी यह मंदिर प्रमुख है। पूरे वर्ष, विशेष रूप से श्रावण मास में, इस मंदिर में दूसरे जिलों और प्रदेशों से श्रद्धालु आकर मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए पूजा-अर्चना करते हैं।
Bhuteshvar mahadev mandir प्रांगन मैं हुआ चमत्कार: मंदिर के पंडित अनूप शर्मा ने बताया कि 40 वर्ष पहले रात में रोजाना दस बजे मंदिर के कपाट बंद किए जाते थे। एक रात श्रावण मास में, तीन बजे मंदिर के कपाट खुद ही खुल गए और सभी घंटियां बजने लगीं। शिवलिंग के पास गए तो वहाँ भगवान शंकर का श्रृंगार हो रहा था और उनकी आरती भी चल रही थी। माना जाता है कि इस घटना में साक्षात देवताओं ने भगवान शंकर की आरती की थी।
इस प्राचीन मंदिर की रक्षा भगवान शंकर और उनके रुद्रावतार हनुमान जी करते हैं। एक बार श्रावण मास में आधी रात के दौरान सफेद कपड़ों और दाढ़ी में करीब 20 फीट लंबे एक बाबा दिखाई दिए थे, जिन्हें भक्तों ने स्वयं देखा था। वे श्रीराम दरबार की ओर बढ़े, और फिर वहां से शिवालय की तरफ चले गए, वहां से वे लुप्त हो गए। माना जाता है कि वो भगवान शंकर थे। इसी तरह, कई वर्षों से भगवान शंकर के अवतार हनुमान जी को भी मंदिर परिसर में भ्रमण करते देखा जाता है।
श्री भूतेश्वर महादेव प्रबंध समिति के अध्यक्ष आलोक गर्ग और मंत्री हेमंत मित्तल ने बताया कि मंदिर में रोजाना बाबा भूतेश्वर को भोग लगाया जाता है। सुबह चार बजे मंदिर के कपाट खुलते हैं और श्रद्धालु बाबा के दर्शन को पहुंचते हैं। फिर आठ बजे भोग लगाया जाता है। दोपहर 12 बजे भोग लगाकर कपाट बंद कर दिए जाते हैं, जो शाम चार बजे खुलते हैं और रात में दस बजे बंद होते हैं। इस मंदिर की देखभाल अनूप शर्मा, मनोज वशिष्ठ, शिवनाथ पांडेय, गोपाल शर्मा, और राजीव शर्मा करते हैं।
Question and Answer
प्रश्न 1: पूजा कितने दिनों तक करनी चाहिए?
उत्तर: भूतेश्वर महादेव मंदिर में 40 दिनों की पूजा का विशेष महत्व है।
प्रश्न 2: मंदिर के समय संबंधित नियम क्या हैं?
उत्तर: मंदिर सुबह 4 बजे खुलता है, जहाँ भक्त बाबा भूतेश्वर को भोग लगाते हैं। दोपहर में 12 बजे और शाम में 4 बजे भी भोग लगाया जाता है, और रात 10 बजे मंदिर बंद हो जाता है।
प्रश्न 3: मंदिर में उपलब्ध सुविधाएं क्या हैं?
उत्तर: यहाँ पूजारी द्वारा भोग लगाने की सुविधा है और व्यक्तिगत पूजा आयोजन कर सकते हैं।
प्रश्न 4: क्या धार्मिक समारोहों का आयोजन होता है?
उत्तर: हां, यहाँ विभिन्न पर्व और धार्मिक त्योहारों में विशेष आयोजन होते हैं।
प्रश्न 5: मंदिर का समय क्या है और बंद किस समय होता है?
उत्तर: मंदिर सुबह 4 बजे खुलता है और रात 10 बजे बंद होता है।