अयोध्या: रामजन्मभूमि पर श्रद्धालुओं को इलेक्ट्रॉनिक उपकरण नहीं ले जाने का निर्णय

अयोध्या: रामजन्मभूमि पर निर्णय और व्यवस्था राम मंदिर अयोध्या: शनिवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र समन्वय समिति की बैठक ने राम मंदिर में दर्शन के बाद श्रद्धालुओं के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। अब से रामजन्मभूमि के अंदर जाने वाले श्रद्धालु इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, बैग, मोबाइल और प्रसाद लेकर नहीं जा सकेंगे। दर्शन के बाद, रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा निर्धारित निकास मार्ग पर श्रद्धालुओं को प्रसाद मिलेगा। इस बैठक में यह भी तय किया गया कि दिव्यांग और वृद्ध दर्शनार्थियों के लिए गोल्फ कॉर्ट की सुविधा उपलब्ध रहेगी। बैठक के अध्यक्ष कमिशनर गौरव दयाल ने बताया कि श्रद्धालुओं को बेहतर ढंग से दर्शन कराने के लिए सुरक्षा और व्यवस्था को मजबूत किया गया है। इसके साथ ही, दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के जूते-चप्पल रखने की व्यवस्था को और सुव्यवस्थित करने का निर्णय लिया गया है, ताकि दर्शन में कम से कम समय लगे। सुरक्षा के लिए व्यापक प्रबंध किए जा रहे हैं और स्थानीय पुलिस के साथ सीआरपीएफ व पीएसी के जवान भी तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही, सभी को समझाया गया है कि रामभक्तों के साथ मित्र भाव से व्यवहार किया जाएगा और श्रद्धालुओं की सभी जिज्ञासाओं का समाधान प्रशासन और पुलिस द्वारा किया जाएगा। Question and Answer 1. क्या श्रद्धालु इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लेकर रामजन्मभूमि में दर्शन कर सकते हैं? नहीं, अब से श्रद्धालु इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, बैग, मोबाइल, और प्रसाद लेकर रामजन्मभूमि में दर्शन करने की अनुमति नहीं है। 2. दर्शन के बाद श्रद्धालु को कैसे मिलेगा प्रसाद? दर्शन के बाद, रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा निर्धारित निकास मार्ग पर श्रद्धालुओं को प्रसाद मिलेगा। 3. दिव्यांग और वृद्ध दर्शनार्थियों के लिए कौन-कौन सी सुविधाएं हैं? इन श्रद्धालुओं के लिए गोल्फ कॉर्ट की सुविधा उपलब्ध है। 4. कैसे होगी श्रद्धालुओं की सुरक्षा? व्यापक प्रबंध और स्थानीय पुलिस, सीआरपीएफ और पीएसी के जवानों के साथ सुरक्षा के लिए उच्च स्तरीय प्रबंध किया गया है। 5. श्रद्धालुओं की जिज्ञासाओं का समाधान कैसे होगा? प्रशासन और पुलिस द्वारा तैनात अधिकारी श्रद्धालुओं की सभी जिज्ञासाओं का समाधान करने के लिए उपस्थित होंगे।
अयोध्या राम मंदिर: भव्य राम मंदिर के तीनों तलों की तैयारी

अयोध्या राम मंदिर: भव्य निर्माण में आगे बढ़ते हुए तीनों तलों की तैयारी अयोध्या राम मंदिर: रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल के अनुसार, 22 जनवरी को भूतल के केंद्रीय कक्ष, गर्भगृह में रामलला की स्थापना हो रही है, और दूसरी ओर प्रथम तल का निर्माण पूर्ण हो रहा है। राम मंदिर के तीनों तलों का निर्माण जनवरी 2025 तक पूर्ण हो जाएगा। इस मंदिर का डिजाइन मुख्य शिखर और पांच उप-शिखरों से युक्त होगा, जिसमें 161 फीट ऊंचे मुख्य शिखर की भी शामिल होगी। रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 15 से 24 जनवरी 2024 तक होगी, और इसके बाद प्रथम तल का निर्माण तेजी से चलेगा। इस समय, भूतल को समाप्त करने के साथ-साथ दो महीने पहले प्रथम तल की शिलाएं और स्तंभों का संयोजन शुरू हो चुका है, जिससे समझा जा रहा है कि प्रथम तल का 50% कार्य पूर्ण हो गया है। प्रथम तल के बाद, द्वितीय तल का कार्य रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद शुरू होगा। इसमें मुख्य शिखर के साथ गुण मंडप का उप-शिखर शामिल होगा, जो दूसरे तल पर होगा। मंदिर में कुल 392 स्तंभ होंगे, जिनमें से 166 स्तंभ भूतल के साथ पहले ही प्रयुक्त हो चुके हैं। प्रथम तल पर 144 स्तंभों की स्थापना प्रस्तावित है, जिनमें से एक तिहाई स्थापित हो चुके हैं, और बाकी भी अगले कुछ महीनों में स्थापित होंगे। द्वितीय तल पर 82 स्तंभ स्थापित होंगे। Question and Answer राम मंदिर के तीनों तल कब तक पूर्ण होंगे? रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, जनवरी 2025 तक राम मंदिर के तीनों तलों का निर्माण पूर्ण हो जाएगा। मुख्य शिखर की ऊचाई कितनी होगी? मुख्य शिखर की ऊचाई 161 फीट होगी। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कब होगी? रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 15 से 24 जनवरी 2024 तक होगी। प्रथम तल का कार्य किस समय शुरू होगा? प्रथम तल का निर्माण रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद आरंभ होगा। मंदिर में कुल कितने स्तंभ होंगे? मंदिर में कुल 392 स्तंभ होंगे, जिनमें से पहले ही 166 स्तंभ प्रयुक्त हो चुके हैं। राम मंदिर निर्माण से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण तिथियाँ राम मंदिर के निर्माण से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण तिथियों के बारे में जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग को संदर्भित करें।
shree Ram Mandir Ayodhya : ठंड में सुख-शान्ति और सुरक्षा के साथ दर्शन की नई सुविधाएं

shree Ram Mandir Ayodhya : परिसर में श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं shree Ram Mandir Ayodhya : राम मंदिर के प्रति भक्तों की उमड़ रही भारी भीड़ को देखते हुए, ठंडी सर्दी की छुट्टियों में उन्हें शांति और सुख-शान्ति के साथ दर्शन करने के लिए राम मंदिर ट्रस्ट और योगी सरकार ने समीक्षा बैठक बुलाई थी. इस समीक्षा के बाद, श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न सुविधाएं तैयार की गई हैं। यहां कुछ ऐसी सुविधाएं हैं जो श्रद्धालुओं को ठंड में राम मंदिर का दर्शन करने के लिए मिलेंगी: मैटिंग का काम: मुख्य द्वार से राम मंदिर तक मैटिंग लगाई गई है, ताकि श्रद्धालु ठंड में बिना जूतों के फर्श पर चल सकें। गैस हीटर सुविधा: मुख्य द्वार से राम मंदिर तक गैस हीटर लगाए गए हैं ताकि भक्तों को शीत लहर और सर्दी से बचाया जा सके। प्रसाद सुरक्षा: दर्शन के बाद मंदिर से रामलला का प्रसाद लेने की व्यवस्था है और बाहर से कोई भी प्रसाद नहीं चढ़ाया जा सकता है। दो रास्ते दर्शन के लिए: श्रद्धालुओं के लिए दो रास्ते बनाए गए हैं, जिसमें श्रद्धालु मल्टी डायवर्जन से होकर जा सकते हैं। अनाउंसमेंट सुविधा: किसी भी असुविधा की स्थिति में राम मंदिर परिसर में अनाउंसमेंट सुविधा है, ताकि पुलिस की मदद उपलब्ध हो सके। सुरक्षित सामान रखने की सुविधा: पीली पर्ची लेने के बाद श्रद्धालु अपना सामान (मोबाइल आदि उपकरण) राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा बनाए गए क्लॉक रूम में सुरक्षित रूप से रख सकते हैं। फास्ट-ट्रैक लेन: मुख्य द्वार से सुरक्षा चौकी तक एक फास्ट-ट्रैक लेन बनाई गई है, जहां श्रद्धालु बिना किसी असुविधा के सीधे पहुंच सकते हैं। दान के लिए विकल्प: राम मंदिर ट्रस्ट ने दान के लिए कई विकल्प दिए हैं, जिसमें श्रद्धालु यूपीआई, कैश, चेक और ऑनलाइन माध्यम से दान कर सकते हैं। बैठने की जगह: राम मंदिर परिसर में भक्तों के लिए बैठने की जगह भी बनाई गई है। सुरक्षा प्रतिबंध: भक्ति पथ पर हर 10 कदम पर सीआरपीएफ और पुलिस बल तैनात किए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं की मदद की जा सके और किसी भी तरह की भ्रम की स्थिति का सामना किया जा सके। इस प्रतिष्ठा समारोह के छह दिनों के भीतर ही 18.75 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने रामलला के भव्य मंदिर में पूजा-अर्चना कर ली हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए एक प्रतिष्ठित समिति ने व्यवस्थाएं की हैं कि भक्तों को अपने पूज्य देवता के निर्बाध दर्शन मिल सकें। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी इसकी स्थापना की है और अपने दिशा-निर्देश द्वारा श्रद्धालुओं को सुनिश्चित करने का कारण बताया है। Question and Answer प्रश्न 1: राम मंदिर में ठंडी सर्दी में श्रद्धालुओं के लिए कौन-कौन सी सुविधाएं हैं? उत्तर: मुख्य द्वार से लेकर प्रसाद लेने तक, ठंडी सर्दी में श्रद्धालुओं को राहत के लिए मैटिंग, गैस हीटर, और सुरक्षा सुविधाएं उपलब्ध हैं। प्रश्न 2: राम मंदिर दर्शन के बाद कैसे लिया जा सकता है रामलला का प्रसाद? उत्तर: दर्शन के बाद, श्रद्धालुओं को मंदिर से रामलला का प्रसाद प्राप्त करने के लिए विशेष व्यवस्था है। प्रश्न 3: राम मंदिर में दान के लिए कौन-कौन से विकल्प उपलब्ध हैं? उत्तर: राम मंदिर ट्रस्ट ने दान के लिए यूपीआई, कैश, चेक, और ऑनलाइन माध्यमों के माध्यम से कई विकल्प प्रदान किए हैं। प्रश्न 4: राम मंदिर परिसर में भक्तों के लिए बैठने की सुविधा है क्या? उत्तर: हां, राम मंदिर परिसर में भक्तों के लिए विशेष बैठने की जगहें तैयार की गई हैं। प्रश्न 5: राम मंदिर दर्शन के लिए सुरक्षा कैसे है? उत्तर: सुरक्षा को मजबूत करने के लिए, हर 10 कदम पर सीआरपीएफ और पुलिस बल तैनात किए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो।
shree ram mandir: भगवान रामलला की पूजा और दिव्यता

shree ram mandir : मां कौशल्या की भावना के साथ रामलला की पूजा shree ram mandir : राम मंदिर का महत्वपूर्ण घटना क्षणों का समर्थन कर रहा है और इसका हर पल अत्यंत श्रद्धालुता और उत्साह से भरा हुआ है। रामलला की पूजा में भक्ति और समर्पण की भावना से युक्त पुजारी रोजाना उनकी नित्य पूजा का आयोजन करते हैं, जैसे कि मां कौशल्या किया करती थीं। रामलला को पुजारी और गुरुओं के मार्गदर्शन में ही अर्चक गर्भगृह में प्रवेश किया जाता है। सफेद गाय, बछड़े और गज के दर्शन के बाद, नवनिर्मित राम मंदिर में बालक राम की विशेष पूजा होती है। इसमें ‘रामोपासना’ नामक पौराणिक पूजा पद्धति होती है जो पूर्व ग्रंथों के आधार पर तैयार की गई है। रामलला की दिनचर्या दिन के सुबह 4:30 बजे से रात 10 बजे तक है, और पूजा का समय विशेष संहिता के अनुसार होता है। सभी पूजनीय समयों में रामलला को विभिन्न भोग अर्पित किए जाते हैं, जिसमें खीर उनकी प्रियता में शामिल है। राजकीय पद्धति के अनुसार स्नान के बाद, रामलला को वस्त्र पहनाकर मुकुट धारण कराया जाता है। विशेष प्रशिक्षित पुजारी और सहायक अर्चक द्वारा पूजा व्यवस्थित सम्पन्न किया जाता है। रामलला की पूजा में संगीत की भावना बहुत अद्भुतता से भरी है। रोजाना 11:30 बजे राजभोग लगता है और 12 बजे राजभोग आरती होती है। इसके बाद संगीत सेवा का मौका मिलता है, जो रामलला के भक्तों को आनंदित करता है। शाम 6:30 बजे संध्या आरती और रात 10 बजे शयन आरती भी होती है, जो पूजा की पूरी प्रक्रिया को समाप्त करती है। रात को शयन के समय, रामलला को ठंड के बजह से हीटर और ब्लोअर से गर्मी मिलती है। प्रभु के लिए पानी रखा जाता है, ताकि वे रात में प्यास बुझा सकें। रामलला की पूजा का विधान बदला है और अब प्रशिक्षित पुजारी और अर्चक इसमें सहायकी देने के लिए तैयार हैं। इसके माध्यम से, श्रद्धालुओं को एक नए स्तर पर पूजा का अनुभव होगा और उन्हें धार्मिक तत्त्वों की गहरी ज्ञान मिलेगा। राम मंदिर में ठंडी सर्दी में श्रद्धालुओं के लिए कौन-कौन सी सुविधाएं? Question and answer प्रश्न: राम मंदिर में भगवान राम की पूजा का विवरण बताएं। उत्तर: भगवान राम की पूजा में रोजाना विशेष संहिता के अनुसार अर्चक गर्भगृह में प्रवेश करते हैं और विभिन्न भोगों को अर्पित करते हैं, जिसमें खीर उनकी प्रियता में शामिल है। प्रश्न: रामलला की दिनचर्या में कौन-कौन सी पूजाएं और आरतियाँ होती हैं? उत्तर: रामलला की दिनचर्या में सुबह और शाम में विशेष पूजाएं और आरतियाँ होती हैं, जैसे कि सवेरे 4:30 बजे और रात 6:30 बजे की संध्या आरति। प्रश्न: रामलला को कैसे पूजा जाता है और उसके प्रसाद में क्या-क्या शामिल होता है? उत्तर: रामलला को गर्मी में हीटर और ब्लोअर से गर्मी मिलती है, स्नान के बाद उनको वस्त्र पहनाकर मुकुट धारण कराया जाता है। उनके प्रसाद में फल, रबड़ी, मालपुआ, मक्खन, मिश्री, और खीर शामिल हैं। प्रश्न: रामलला की पूजा में पुजारी और अर्चक कैसे शामिल होते हैं? उत्तर: पुजारी और अर्चक रामलला को गुरुओं की आज्ञा लेकर ही अर्चक गर्भगृह में प्रवेश करते हैं और विभिन्न पूजाएं आयोजित करते हैं। प्रश्न: राम मंदिर में बालक राम की पूजा का समय क्या है? उत्तर: रामलला की पूजा दिनभर की श्रृंगार आरति से लेकर रात की शयन आरति तक होती है, जिसका समय सुबह 4:30 बजे से रात 10 बजे तक है।
Shree Kala Ram Mandir: भगवान राम के वनवास का धार्मिक महत्व

Shree Kala Ram Mandir: श्रीराम के वनवास का साक्षात्कार Shree Kala Ram Mandir: अयोध्या के राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने नासिक के पंचवटी क्षेत्र में स्थित श्रीकालाराम मंदिर का दौरा किया। पंचवटी में भगवान राम ने अपने वनवास के कुछ समय व्यतीत किए थे, और इसी स्थान पर आज पीएम मोदी ने धार्मिक महत्व के साथ श्रीकालाराम मंदिर का दौरा किया है। श्री कालाराम मंदिर: अयोध्या के राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है और प्रधानमंत्री मोदी ने इस समारोह से पहले श्रीकालाराम मंदिर का दौरा किया है। रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारी जोरों पर है, और इस महत्वपूर्ण क्षण में पीएम मोदी ने श्रीकालाराम मंदिर को बहुत महत्वपूर्ण माना है। श्री कालाराम का धार्मिक महत्व रामायण से जुड़े स्थानों में पंचवटी विशेष और महत्वपूर्ण है, क्योंकि भगवान राम, माता सीता, और लक्ष्मण ने इसी क्षेत्र में दंडकारण्य वन में वनवास बिताया था। पंचवटी का नाम इसके पाँच बरगद के पेड़ों से मिलता है और यहां राम ने अपनी कुटिया स्थापित की थी, क्योंकि इन पेड़ों की उपस्थिति ने इसे शुभ बना दिया था। श्री कालाराम मंदिर: नासिक का धारोहर मंदिर नासिक के पंचवटी क्षेत्र में स्थित है और भगवान राम, माता सीता, और लक्ष्मण ने इस स्थान पर अपने वनवास का समय व्यतीत किया था। इस मंदिर में भगवान राम की काले पत्थर की मूर्ति के रूप में पूजा जाता है, और यहां माता सीता और लक्ष्मण जी की मूर्तियां भी स्थापित हैं। मंदिर का निर्माण सन 1782 में हुआ था, और इसका धारोहर सरदार रंगारू ओढेकर के सपने के आधार पर किया गया था। उन्होंने गोदावरी नदी में तैरते हुए काले रंग की मूर्ति को देखा और उसे मंदिर में स्थापित करवाया। निर्माण में 12 साल लगे और इससे पहले वहां एक लकड़ी से बना मंदिर था। इस अद्भुत मंदिर का दौरा करके, प्रधानमंत्री मोदी ने इसके धार्मिक महत्व को और बढ़ाया है और इस स्थान को भगवान राम के जीवन से जोड़ा है। Question and Answer 1. श्री कालाराम मंदिर क्या है? श्रीकालाराम मंदिर एक प्राचीन हिंदू मंदिर है जो नासिक शहर के पंचवटी क्षेत्र में स्थित है, जिसे भगवान राम के वनवास के समय का धार्मिक महत्व अधिष्ठानित किया गया है। 2. पंचवटी क्षेत्र में श्रीराम के कैसे वनवास बिताए गए थे? पंचवटी क्षेत्र में भगवान राम, माता सीता, और लक्ष्मण जी ने अपने दंडकारण्य वनवास के दौरान कुछ वर्ष बिताए थे, जिसका महत्वपूर्ण स्थान श्रीकालाराम मंदिर है। 3. कालाराम मंदिर का निर्माण कब और कैसे हुआ? कालाराम मंदिर का निर्माण सन 1782 में हुआ था। मंदिर की नींव सरदार रंगारू ओढेकर के सपने में आई भगवान राम की काले पत्थर की मूर्ति पर आधारित है। 4. प्रधानमंत्री मोदी का श्री कालाराम मंदिर में दौरा क्यों महत्वपूर्ण है? प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीकालाराम मंदिर का दौरा करके इसे और भी महत्वपूर्ण बनाया है, क्योंकि यह स्थान भगवान राम के जीवन से जुड़ा हुआ है और उसके वनवास के समय का धार्मिक महत्व रखता है। 5. कालाराम मंदिर में कौन-कौन से मूर्तियां हैं? मंदिर में भगवान राम की काले पत्थर की मूर्ति के साथ ही, माता सीता और लक्ष्मण जी की मूर्तियां भी स्थापित हैं।
राम मंदिर अयोध्या: प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने वाले प्रमुख व्यक्तियों की सूची

राम मंदिर अयोध्या: आमंत्रित नेताएँ, खिलाड़ी और हस्तियाँ – प्रमुख व्यक्तित्वों की सूची और उनके योगदान राम मंदिर अयोध्या: 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक समारोह में कई राजनीतिक नेताओं, उद्योगपतियों, खिलाड़ियों, और मशहूर हस्तियों को आमंत्रित किया गया है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के मंदिर शहर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेंगे। अयोध्या में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए वैदिक अनुष्ठान मुख्य समारोह से एक सप्ताह पहले 16 जनवरी को शुरू होंगे। 14 जनवरी से 22 जनवरी तक, अयोध्या में अमृत महोत्सव मनाया जाएगा। वाराणसी के एक पुजारी, लक्ष्मी कांत दीक्षित, 22 जनवरी को मुख्य अनुष्ठान करेंगे। अयोध्या में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए वैदिक अनुष्ठान मुख्य समारोह से एक सप्ताह पहले 16 जनवरी को शुरू होंगे। वाराणसी के एक पुजारी, लक्ष्मी कांत दीक्षित, 22 जनवरी को मुख्य अनुष्ठान करेंगे। 14 जनवरी से 22 जनवरी तक, अयोध्या में अमृत महोत्सव मनाया जाएगा।’राम लला’ के भव्य प्रतिष्ठा समारोह के लिए 6,000 निमंत्रण कार्ड देश भर से आमंत्रित लोगों को भेजे गए हैं। ये निमंत्रण कार्ड 6,000 से अधिक लोगों को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा भेजे गए हैं। किस-किस को आमंत्रित किया गया है? राजनेताओं कांग्रेस नेता सोनिया गांधी बिहार के सीएम नीतीश कुमार कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी एचडी देवेगौड़ा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) बीजेपी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी बीजेपी के मुरली मनोहर जोशी हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह खिलाड़ियों विराट कोहली सचिन तेंडुलकर हस्तियाँ अमिताभ बच्चन माधुरी दिक्षित रजनीकांत अक्षय कुमार अनुपम खेर चिरंजीवी संजय लीला भंसाली-धनुष मोहनलाल रणबीर कपूर आलिया भट्ट ऋषभ शेट्टी कंगना रनौत मधुर भंडारकर टाइगर श्रॉफ अजय देवगन प्रभास यश सनी देयोल आयुष्मान खुराना अरुण गोविल दीपिका चिखलिया टोपीवाला मधुर भंडारकर महावीर जैन जैकी श्रॉफ उद्योगपतियों मुकेश अंबानी अनिल अंबानी रतन टाटा गौतम अडानी टीएस कल्याणरमन, कल्याण ज्वैलर्स के एमडी” Question and Answer प्रश्न 1: क्या अयोध्या मंदिर प्रतिष्ठा समारोह का मुख्य उद्देश्य है? उत्तर: अयोध्या मंदिर प्रतिष्ठा समारोह का मुख्य उद्देश्य भगवान श्रीराम के मंदिर की प्रतिष्ठापन के रूप में है। इस समारोह में भारतीय नेता, उद्योगपति, खिलाड़ी, और मशहूर हस्तियाँ भाग लेंगी। प्रश्न 2: कौन-कौन से व्यक्तित्व इस समारोह में शामिल होंगे? उत्तर: समारोह में शामिल होने वाले व्यक्तित्वों में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, बीजेपी के नेता लालकृष्ण आडवाणी, खिलाड़ी विराट कोहली और सचिन तेंदुलकर, और हस्तियों में अमिताभ बच्चन, माधुरी दीक्षित, और अनिल अंबानी शामिल हैं। प्रश्न 3: कैसे लोग इस समारोह में शामिल हो सकते हैं? उत्तर: समारोह के लिए निर्धारित 6,000 से अधिक आमंत्रण कार्ड श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा भेजे गए हैं। यह कार्ड देश भर से चयनित लोगों को भेजे गए हैं जो समारोह में शामिल हो सकते हैं। प्रश्न 4: क्या इस समारोह का अनुसरण ऑनलाइन किया जा सकता है? उत्तर: हां, समारोह का ऑनलाइन अनुसरण किया जा सकेगा। समारोह की महत्वपूर्ण घटनाएं और अपडेट्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों और आधिकारिक वेबसाइटों पर उपलब्ध रहेंगी। प्रश्न 5: अन्य विवरण और जानकारी कहाँ देखी जा सकती है? उत्तर: समारोह की अधिक जानकारी के लिए, आप अधिकृत वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर जाँच सकते हैं, जो समारोह के संगठन द्वारा प्रदान की जाएगी।
अयोध्या के राम मंदिर: सोने के दरवाजे का पहला निर्माण

सोने के दरवाजों का निर्माण: अयोध्या के राम मंदिर में भव्य योजना अयोध्या के राम मंदिर में सोने के दरवाजे का पहला निर्माण संपन्न हो चुका है। इन दरवाजों का निर्माण हैदराबाद की एक 100 साल पुरानी कंपनी, अनुराधा टिंबर द्वारा किया गया है। इन दरवाजों की नक्काशी और डिज़ाइन तमिलनाडु के कारीगरों ने की है। इसके लिए अयोध्या में विशेष वर्कशॉप का आयोजन किया गया था। इन सोने के दरवाजों पर हिंदू धर्म के प्रतीकों का नक्काशी उकेरा गया है, जो मंदिर को और भी भव्य बनाता है। दरवाजों पर नागर शैली के निर्माण की भी झलक है। ये दरवाजे भगवान राम के मंदिर के मुख्य द्वार के रूप में स्थापित किए जा रहे हैं। राम मंदिर के निर्माण के साथ-साथ, भगवान राम के भक्त भी उनके आगमन की तैयारी में जुट गए हैं। अपने-अपने अंदाज में भगवान के लिए विभिन्न प्रकार के उपहार लेकर श्रद्धा भक्ति जता रहे हैं। इसके साथ ही, राम मंदिर के निर्माण में जुटे कलाकारों ने भी अपनी महान कला का प्रदर्शन किया है। गाजियाबाद के मूर्तिकार अनिल सुतार ने जटायु की विशाल मूर्ति का निर्माण किया है, जो की 8 फीट ऊंची है। Question and Answer प्रश्न: “सोने के दरवाजे का निर्माण किसने किया है?” उत्तर: “सोने के दरवाजे का निर्माण हैदराबाद की एक 100 साल पुरानी कंपनी, अनुराधा टिंबर द्वारा किया गया है।” प्रश्न: “कौन कौन से प्रतीक और नक्शा मंदिर के दरवाजों पर बने हैं?” उत्तर: “मंदिर के दरवाजों पर हिंदू धर्म के प्रतीकों का नक्काशी उकेरा गया है, जो मंदिर को और भी भव्य बनाता है।” प्रश्न: “क्या मंदिर के दरवाजे और नक्शा में कोई विशेषता है?” उत्तर: “हाँ, दरवाजे भगवान राम के मंदिर के मुख्य द्वार के रूप में स्थापित किए जा रहे हैं।” प्रश्न: “क्या अन्य सोने के दरवाजों की तैयारी भी हो रही है?” उत्तर: “हाँ, इसके अलावा भव्य दरवाजों के निर्माण की तैयारी भी हो रही है।” प्रश्न: “क्या मंदिर निर्माण के अलावा अन्य कार्यक्रम हो रहे हैं?” उत्तर: “जी हां, भगवान राम के भक्त भी उनके आगमन की तैयारी में जुट गए हैं और भगवान के लिए विभिन्न प्रकार के उपहार लेकर श्रद्धा भक्ति जता रहे हैं।
अयोध्या राम मंदिर: राम मंदिर में प्रवेश के नियम, ये चीजें रहेंगी प्रतिबंधित

अयोध्या राम मंदिर: 22 जनवरी को मोदी भव्य राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान करेंगे। राम जन्मभूमि की चौबीस घंटे अचूक सुरक्षा रहेगी। यहाँ जानिए राम मंदिर में किन चीजों पर रोक हैं अयोध्या राम मंदिर में ये चीजें रहेंगी प्रतिबंधित: राम मंदिर में प्रवेश करने वालों को मोबाइल, पर्स, कोई भी गैजेट्स जैसे ईयर फोन, रिमोट वाली चाबी ले जा सकेंगे। इसके साथ ही बड़े संतजनों का छत्र, बंवर, झोली, निजी पूजा के लिए ठाकुर जी, सिंहासन, गुरु पादुकाएं भी कार्यक्रम स्थल पर ले जाना प्रतिबंधित है। ऐसे समानों को जमा करने लॉकर बनवाए गए है जहां श्रद्धालु अपना समान रख सकेगा। अयोध्या अन्य महत्वपूर्ण जानकारी: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में आने वाले अतिथियों को 22 जनवरी को कार्यक्रम स्थल पर सुबह 11 बजे से पहले एंट्री होगी। ट्रस्ट से मिले निमंत्रण पत्र पर जिसका नाम हो, सिर्फ उसे ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति होगी। राम मंदिर में मुख्य यजमान पीएम नरेंद्र मोदी के मंदिर परिसर से चले जाने के बाद ही संतजनों को राम लला के दर्शन की अनुमति होगी। राम मंदिर उद्घाटन में भारतीय परंपरा अनुसार कपड़े पहनकर जा सकते हैं। पुरुष धोती, गमछा, कुर्ता-पजामा और महिलाएं सलवार सूट या साड़ी में जा सकती हैं, हालांकि राम मंदिर ट्रस्ट ने कोई ड्रेस कोड लागू नहीं किया है। Question and Answer प्रश्न 1: राम मंदिर में प्रवेश के नियमों में क्या है? उत्तर: मोबाइल, पर्स, गैजेट्स, संतों के छत्र, ठाकुर जी, सिंहासन ले जाना मना है। 22 जनवरी को सुबह 11 बजे से पहले ही प्रवेश होगा, निमंत्रण पत्र की आवश्यकता है। कपड़े में आ सकते हैं, कोई ड्रेस कोड नहीं। प्रश्न 2: अयोध्या राम मंदिर में प्रवेश के नियमों में कौन-कौन सी वस्तुओं का प्रवेश मना है? उत्तर: राम मंदिर में मोबाइल, पर्स, गैजेट्स, संतों के छत्र, ठाकुर जी, सिंहासन और निजी सामग्री को ले जाना मना है। 22 जनवरी को सुबह 11 बजे से पहले ही प्रवेश होगा, और सिर्फ निमंत्रण पत्र के साथ हो सकेगा। कपड़े का कोई विशेष प्रतिबंध नहीं है, लेकिन किसी भी ड्रेस कोड की ज़रूरत नहीं है।
Kanak Bhavan: माता कैकेयी की इच्छा और सीता-राम का निवास

Kanak Bhavan: सीता-राम का निवास Kanak Bhavan Ayodhya: प्रभु श्रीराम ने जब भगवान शिव के धनुष को तोड़कर सीता जी का स्वयंवर जीता, तो राजा जनक ने उनकी बेटी के साथ उनका विवाह बड़े धूमधाम से करवाया। विवाह के बाद प्रभु राम और माता सीता को अयोध्या जाना था, लेकिन पहले वे कुछ दिन अपने ससुराल जनकपुरी में ही ठहरे। एक रात, उन्हें एहसास हुआ कि जनकनंदिनी वैदेही अब अयोध्या जानी चाहिए, और वहां एक बेहद सुंदर भवन होना चाहिए। रानी कैकेयी को स्वप्न में कनक भवन का दर्शन हुआ, जिस समय भगवान राम के मन में माता सीता के लिए सुंदर भवन की बात आई थी। अगले दिन, महारानी कैकेयी ने महाराजा दशरथ को स्वप्न में दिखे कनक भवन की छवि दिखाई, और उन्होंने अयोध्या में उसका निर्माण करने की इच्छा व्यक्त की। इस प्रेरणा के साथ, शिल्पी विश्वकर्मा ने राजा दशरथ के आदेश पर अत्यंत सुंदर कनक भवन बनाया। जब प्रभु राम नवविवाहित पत्नी सीता जी के साथ अयोध्या लौटे, तो उनका जोर-शोर से स्वागत हुआ। सभी रानियाँ जनकदुलारी सीता जी को बहुत सारे तोहफे देने में लगीं, लेकिन सबसे खास तोहफा रानी कैकेयी ने दिया। उन्होंने रत्नों से जड़ा हुआ सोने का कनक भवन सीता को मुंहदिखाई में प्रस्तुत किया। विवाह के बाद, राम-सीता इस भवन में रहे। यह महल बेहद सुंदर था और सीता-राम का अन्त:पुर था। रानी कैकेयी ने ही मांगा था वनवास। वहीं कैकेयी ने दशरथ से मांगा था कि राम को 14 वर्ष का वनवास और उनके पुत्र भरत को अयोध्या की राजगद्दी मिले। इसके बाद, प्रभु राम ने अपने पिता के वचन का पालन करते हुए 14 साल तक वन-वन घूमा। Question and Answer प्रश्न: क्या कनक भवन सीता-राम के निवास का केंद्र था? उत्तर: हां, कनक भवन सीता-राम के निवास का केंद्र था। प्रश्न: कनक भवन का महत्त्व और इसकी राजनैतिक संबंधित कहानी क्या है? उत्तर: कनक भवन का महत्त्व उसकी राजनैतिक संबंधित कहानी से आता है, जो महारानी कैकेयी की इच्छाओं और भगवान राम के वनवास से जुड़ी है। प्रश्न: क्या इस भवन के बारे में कोई पौराणिक कथा है? उत्तर: हां, कुछ पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि महारानी कैकेयी को स्वप्न में कनक भवन का दर्शन हुआ था।
Ayodhya Ramlala Mandir : इस नक्षत्र में विराजेंगे रामलला, माना जाता है दुर्लभ संयोग

Ayodhya Ramlala Mandir : किस नक्षत्र में होंगे रामलला विराजमान Ayodhya Ramlala Mandir : अयोध्या में रामलला का मंदिर बहुत जल्द तैयार हो जाएगा। नवनिर्मित मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होने जा रही है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान होंगे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने समारोह की तिथि की घोषणा की है। मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को अभिजीत मुहूर्त मृगषिरा नक्षत्र में दोपहर 12:20 बजे की जाएगी। इस नक्षत्र को सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। पंडितों का कहना है कि इस दिन एक विशेष संयोग है, इसलिए यह तारीख चुनी गई है। मृगषिरा नक्षत्र को ज्योतिष शास्त्र में बहुत शुभ माना जाता है। इसे कृषि, व्यापार और विदेश यात्रा के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस शुभ मुहूर्त में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से देश का कल्याण होगा और प्रगति होगी। मृगषिरा नक्षत्र में कोई दोष नहीं होता है और यह उत्तम माना जाता है। 22 जनवरी 2024 को द्वादशी है, जिसे पौष मास के शुक्ल पक्ष की कूर्म द्वादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है। इस शुभ संयोग पर रामलला के मंदिर की स्थापना सुनिश्चित स्थायित्व प्रदान करेगी। मंदिर के निर्माण का 80% काम पूरा हो चुका है। बाकी काम भी तेजी से पूरा हो रहा है। मंदिर के चार मंडप तैयार हो चुके हैं और गर्भगृह का निर्माण जारी है। ट्रस्ट के पदाधिकारियों का कहना है कि 22 जनवरी से पहले मंदिर पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। मंदिर का आकार अष्टकोणीय होगा और परिधि गोलाकार रखी गई है। यह मंदिर 161 फीट ऊंचा होगा, जिसमें 5 गुंबद और एक टावर होगा। यह तीन मंजिल का होगा और उसका गर्भगृह इस तरह से डिजाइन किया गया है कि सूर्योदय पर सूर्य की पहली किरण रामलला पर पड़ेगी। मंदिर में खिड़कियाँ और दरवाजे सागौन की लकड़ी से बनाए जा रहे हैं। सभी चीजें कुशल कारीगर मृगशिरा नक्षत्र को शुभ माना गया है, जो सुख-समृद्धि का प्रतीक है। इस नक्षत्र में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करने से देश के लोगों का कल्याण होगा और देश की प्रगति में वृद्धि होगी। यह नक्षत्र दोषों से रहित होता है और शुभ संकेत माना जाता है। Question and Answer प्रश्न 1: प्राण प्रतिष्ठा कब हो रही है? उत्तर: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को हो रही है। प्रश्न 2: राम मंदिर का निर्माण कितना हिस्सा पूरा हो चुका है? उत्तर: राम मंदिर का 80% काम पूरा हो चुका है और बाकी काम भी तेजी से पूरा हो रहा है। प्रश्न 3: मंदिर का आकार क्या है? उत्तर: मंदिर की ऊँचाई 161 फीट है और इसमें 5 गुंबद और एक टावर होगा। प्रश्न 4: रामलला किस नक्षत्र में विराजमान होंगे? उत्तर: रामलला मृगशिरा नक्षत्र में विराजमान होंगे। प्रश्न 5: मंदिर के निर्माण में कौन-कौन शामिल हैं? उत्तर: मंदिर का निर्माण कुशल कारीगरों द्वारा किया जा रहा है और इसमें स्थापत्यकला के विशेषज्ञ भी शामिल हैं।