Ayodhya Ram Mandir : प्राण प्रतिष्ठा का अद्वितीय शेड्यूल, 15-22 जनवरी तक होंगे कार्यक्रम

Ayodhya Ram Mandir : प्राण प्रतिष्ठा का अद्वितीय शेड्यूल, 15-22 जनवरी तक होंगे कार्यक्रम

Ayodhya Ram Mandir : राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा Ayodhya Ram Mandir : राम मंदिर के उद्घाटन समारोह की पूरी योजना तैयार है, जिसमें 15 से 22 जनवरी तक विभिन्न कार्यक्रम होंगे। 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी, जो इतिहास में एक अद्वितीय दिन के रूप में दर्ज किया जाएगा। इस अवसर पर श्रीराम मंदिर के कार्य 15 से 22 जनवरी तक चलेंगे। राम मंदिर में कार्यक्रम का पूरा शेड्यूल: 15 जनवरी 2024 – इस दिन मकर संक्रांति पर खरमास समाप्त हो रहा है और रामलला के विग्रह, अर्थात् श्रीराम के बालरूप की मूर्ति, गर्भगृह में स्थापित की जाएगी। 16 जनवरी 2024 – रामलला के विग्रह के अधिवास का अनुष्ठान शुरू होगा। 17 जनवरी 2024 – इस दिन रामलला की प्रतिमा का नगर भ्रमण होगा। 18 जनवरी 2024 – प्राण-प्रतिष्ठा की विधि शुरू होगी, जिसमें मंडप प्रवेश पूजन, वास्तु पूजन, वरुण पूजन, विघ्नहर्ता गणेश पूजन, और मार्तिका पूजन शामिल होगा। 19 जनवरी 2024 – राम मंदिर में यज्ञ अग्नि कुंड की स्थापना की जाएगी और खास विधि से अग्नि का प्रज्वलन होगा। 20 जनवरी 2024 – राम मंदिर के गर्भगृह को 81 कलशों से पवित्र किया जाएगा और वास्तु शांति अनुष्ठान होगा। 21 जनवरी 2024 – इस दिन यज्ञ विधि में विशेष पूजन और हवन के बीच रामलला का 125 कलशों से दिव्य स्नान होगा। 22 जनवरी 2024 – इस दिन मध्यकाल में मृगशिरा नक्षत्र में रामलला की महापूजा और प्राण प्रतिष्ठा होगी। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा मुहूर्त: राम मंदिर में 22 जनवरी 2024 को रामलला की मूर्ति का स्थापना मुहूर्त 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से लेकर 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक रहेगा। प्राण प्रतिष्ठा के लिए सिर्फ 84 सेकंड का मुहूर्त होगा। इस अद्भुत अवसर पर अयोध्या में पांच सदियों की प्रतीक्षा समाप्त होने जा रही है और पूरे देश में यह घटना ऐतिहासिक रूप से महत्त्वपूर्ण होगी। Question and Answer राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कब हो रही है? राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को हो रही है। प्राण प्रतिष्ठा की महत्ता क्या है? प्राण प्रतिष्ठा एक प्रतिष्ठा समारोह है जिसमें देवी-देवताओं की प्राण स्थापना होती है ताकि वे मूर्ति में निवास कर सकें। यह एक महत्त्वपूर्ण धार्मिक क्रिया होती है। क्या-क्या अनुष्ठान होंगे प्राण प्रतिष्ठा के दौरान? प्राण प्रतिष्ठा के दौरान विभिन्न पूजाओं, हवनों, वेद मंत्रों का पाठ, यज्ञ, और दीपावलियां आयोजित की जाएंगी। राम मंदिर की तैयारियां कैसे चल रही हैं? राम मंदिर की तैयारियां अंतिम चरण में हैं और प्राण प्रतिष्ठा के लिए समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। रामलला का मुहूर्त कब है? रामलला की मूर्ति का स्थापना मुहूर्त 22 जनवरी 2024 को 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से लेकर 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक है।  

Ram Mandir: श्रीराम मंदिर की पुरानी मूर्ति का क्या होगा? अयोध्या के गर्भगृह में स्थापित होगी नई मूर्ति

Ram Mandir: श्रीराम मंदिर की पुरानी मूर्ति का क्या होगा?

Ram Mandir: श्रीराम मंदिर की पुरानी मूर्ति कहां होगी स्थापित Ram Mandir: राम मंदिर में जो मूर्ति अब तक स्थापित थी, उसे क्या होगा? अयोध्या के गर्भगृह में जल्द ही नई मूर्ति की स्थापना होने वाली है। 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में होने वाले रामलला के प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। इस समारोह में दो मूर्तियां होंगी, जिनमें से एक मंदिर के गर्भगृह में स्थापित की जाएगी। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से जुड़े सूत्रों के अनुसार, दूसरी मूर्ति अभी तक एक छोटे मंदिर में रखी गई है। यही मूर्ति नई मूर्ति के साथ गर्भगृह में स्थापित करने की योजना है। नई मूर्ति को ‘अचल मूर्ति’ कहा जाएगा, जबकि पुरानी मूर्ति को ‘उत्सवमूर्ति’ के नाम से जाना जाएगा। नई मूर्ति को अब विभिन्न सिद्ध मंदिरों में ले जाया जाएगा, और इसके बाद गर्भगृह के अंदर अचल मूर्ति के साथ स्थापित किया जाएगा। रामलला की नई मूर्ति का निर्माण कार्य तीन मूर्तिकारों, गणेश भट्ट, अरुण योगीराज, और सत्यनारायण पांडे को सौंपा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे। Question and Answer प्रश्न 1: राम मंदिर में जो पुरानी मूर्ति है, उसे क्या होगा? उत्तर: अयोध्या के गर्भगृह में जल्द ही नई मूर्ति की स्थापना होने वाली है। 22 जनवरी 2024 को होने वाले रामलला के प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां अंतिम चरण में हैं, जिसमें दो मूर्तियां होंगी, जिनमें से एक मंदिर के गर्भगृह में स्थापित की जाएगी। प्रश्न 2: पुरानी मूर्ति कहां होगी स्थापित? उत्तर: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, दूसरी मूर्ति अभी तक एक छोटे मंदिर में रखी गई है और यही मूर्ति नई मूर्ति के साथ गर्भगृह में स्थापित करने की योजना है। नई मूर्ति को ‘अचल मूर्ति’ और पुरानी मूर्ति को ‘उत्सवमूर्ति’ कहा जाएगा। प्रश्न 3: नई मूर्ति की तैयारी का क्या है योजना? उत्तर: नई मूर्ति को विभिन्न सिद्ध मंदिरों में ले जाया जाएगा, और इसके बाद गर्भगृह के अंदर अचल मूर्ति के साथ स्थापित किया जाएगा। नई मूर्ति का निर्माण कार्य तीन मूर्तिकारों, गणेश भट्ट, अरुण योगीराज, और सत्यनारायण पांडे को सौंपा गया है। प्रश्न 4: क्या कौन-कौन शामिल होंगे राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में? उत्तर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे।

कैसी होगी रामलला की मूर्ति: प्राण प्रतिष्ठा के लिए तैयारियाँ अंतिम चरम पर!

कैसी होगी रामलला की मूर्ति: प्राण प्रतिष्ठा के लिए तैयारियाँ अंतिम चरम पर!

अयोध्या में रामलला की मूर्तियों का चयन: उम्मीदों और तैयारियों का इंतजार!   रामलला की प्राण प्रतिष्ठा  के लिए तैयारियाँ चरम पर हैं। लेकिन किस रूप में मूर्ति स्थापित की जाएगी, यह अभी तक निर्धारित नहीं हुआ है। तीन मूर्तियों में से एक की चयन सूची में है। राम मंदिर के गर्भगृह की धारावाहिक रूप से चित्रित मूर्तियों को बनाने का काम तीन अत्यंत प्रतिष्ठित शिल्पकारों को सौंपा गया है। इनमें गणेश भट्ट, अरुण योगीराज, और सत्यनारायण पांडे शामिल हैं। इन श्रेष्ठ कलाकारों का काम है श्रीराम के तीन विभिन्न दैवीय रूपों की मूर्तियों को निर्मित करना, और सबसे उत्कृष्ट, सबसे सुंदर मूर्ति को चुनकर 22 जनवरी को मंदिर में स्थापित करना है। मूर्तियों के निर्माण के दौरान, शिल्पकारों को कुछ महत्त्वपूर्ण बिंदुओं का ध्यान रखना होगा। ये मूर्तियाँ संगमरमर से बनी होंगी और वे श्रीराम के बाल रूप की होंगी। इन मूर्तियों की ऊँचाई 4 फुट 7 इंच होगी और रामलला कमल के फूल पर आसीन होंगे। इन मूर्तियों में श्रीराम की पांच साल के बच्चे की कोमलता को प्रकट करने का कार्य किया जाएगा। 22 जनवरी से पहले, प्राण प्रतिष्ठा की वैदिक रीति-रिवाज 16 जनवरी से ही शुरू हो जाएगी। सुरक्षा कैमरों का इस्तेमाल हो रहा है और लाखों भक्तों के लिए लंगर की व्यवस्था की जा रही है, साथ ही प्राण प्रतिष्ठा की अन्य तैयारियाँ भी तेजी से जारी हैं। Question and Answer 1. प्रतिमा का चयन कैसे होगा? अभी तक निर्धारित नहीं है कि प्रतिमा किस रूप में स्थापित की जाएगी। तीन मूर्तियों में से एक की चयन सूची में है। 2. कौन-कौन से शिल्पकार मूर्तियाँ बना रहे हैं? तीन अत्यंत प्रतिष्ठित शिल्पकार – गणेश भट्ट, अरुण योगीराज, और सत्यनारायण पांडे, इन श्रेष्ठ कलाकारों को चुना गया है। 3. मूर्तियों की विशेषताएँ क्या हैं? मूर्तियाँ संगमरमर से बनी होंगी, श्रीराम के बाल रूप की होंगी, ऊँचाई 4 फुट 7 इंच होगी, और रामलला कमल के फूल पर आसीन होंगे। इन मूर्तियों में श्रीराम की पांच साल के बच्चे की नाज़ुकता को प्रकट किया जाएगा। 4. प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियाँ किस प्रकार से हो रही हैं? प्राण प्रतिष्ठा की वैदिक रीति-रिवाज 16 जनवरी से हो रही है। सुरक्षा कैमरों का इस्तेमाल हो रहा है और लाखों भक्तों के लिए लंगर की व्यवस्था की जा रही है। 5. मंदिर में मूर्तियाँ कब स्थापित की जाएंगी? श्रीराम के तीन विभिन्न दैवीय रूपों की मूर्तियाँ 22 जनवरी को मंदिर में स्थापित की जाएगी।

राम मंदिर के लिए तैयार हो रहा है विशाल ध्वज: 40 फीट लंबा और 42 फीट चौड़ा, 115 मीटर कपड़े में बनाया गया

श्री राम मंदिर का झंडा बना रहे गुलाम जिलानी

राम मंदिर के लिए विशाल ध्वज की तैयारी Ram mandir का ध्वज: अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होने जा रही है। इस बीच, एक सूचना सामने आई है कि हजारीबाग, झारखंड से बना झंडा अयोध्या में लहराया जाएगा, जो 40 फीट लंबा और 42 फीट चौड़ा है। Ram mandir बनाकर तैयार हो रहा है और भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां तेज हो गई हैं। झारखंड के हजारीबाग में नवल किशोर खंडेलवाल ने इस ध्वज का आदेश दिया है। यह बताया जा रहा है कि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होने जा रही है, और इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। मुख्य समारोह से एक सप्ताह पहले 16 जनवरी को वैदिक अनुष्ठान शुरू हो जाएगा। झारखंड से लहराएगा 40 फीट लंबा ध्वज अयोध्या में 40 फीट लंबा और 42 फीट चौड़ा ध्वज: अयोध्या में लहराएगा यह ध्वज, जिसके बनाने में 115  मीटर कपड़ा लगा है। इस ध्वज पर दो मूर्तियां बनाई गई हैं। एक मूर्ति बजरंगबली की है, जो 6 फीट लंबी है। दूसरी मूर्ति 4 फीट की है, जिसमें भगवान श्री राम, लक्ष्मण और बजरंगबली हैं। ध्वज को आकर्षक रूप से सजाया गया है। बताया जा रहा है कि इस झंडे को लगाने के लिए 100 फीट से ऊंचे बांस की जरूरत पड़ेगी। नवल किशोर: राम मंदिर के लिए झंडा बनाने वाले हीरो 81 साल के नवल किशोर अपने हाथों में झंडा लेकर अयोध्या जाने वाले हैं। नवल किशोर खंडेलवाल बताते हैं कि जब बाबरी मस्जिद ढाहने के लिए कार सेवक निकले थे, तो रास्ते में ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्हें 3 महीने तक हजारीबाग सेंट्रल जेल में रखा गया था। अब जब राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है, तो उन्हें अत्यंत खुशी है। उनका कहना है कि जिस लक्ष्य के लिए लोगों ने संघर्ष किया था, वह सपना अब पूरा हो रहा है। गुलाम जिलानी: हजारीबाग का झंडा आएगा अयोध्या में लहराने हजारीबाग के बड़े बाजार में झंडा बनाया जा रहा है। वीर वस्त्रालय पिछले 50 सालों से झंडा बनाने का कारोबार कर रहा है। इस कारोबार में तीन पीढ़ियां जुटी हैं। यहां का विशेषता है कि इसे गुलाम जिलानी बना रहे हैं। उन्हें भी खुशी है कि उनका बनाया हुआ झंडा अयोध्या में लगेगा। गुलाम जिलानी ने पिछले तीन पीढ़ियों से हनुमान झंडा बनाया है। उनका मानना है कि जब यह झंडा अयोध्या में लहराएगा, तो हजारीबाग के राम भक्तों का दिल खुशी से भर जाएगा। वीर वस्त्रालय के संचालक देवेंद्र जैन बताते हैं कि हजारीबाग का रामनवमी पूरे विश्व में प्रसिद्ध है, और इसलिए यहां से बनाया गया झंडा अयोध्या जाना बड़ी खुशी की बात है। Question and answer ध्वज का आकार क्या है? यह ध्वज 40 फीट लंबा और 42 फीट चौड़ा है। ध्वज के ऊपर कौन-कौन से मूर्ति हैं? ध्वज पर दो मूर्तियां हैं। एक मूर्ति बजरंगबली की है (6 फीट लंबी) और दूसरी मूर्ति में भगवान श्री राम, लक्ष्मण और बजरंगबली हैं (4 फीट लंबी)। झंडा का बनाने में कौन शामिल हैं? झंडा बनाने वाले हैं: झारखंड के हजारीबाग से नवल किशोर खंडेलवाल और गुलाम जिलानी। श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कब हो रही है? श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होने जा रही है। कैसे होगा झंडे का इंस्टॉलेशन? झंडे को इंस्टॉल करने के लिए 100 फीट से ऊंचे बांस की जरूरत होगी। नवल किशोर और गुलाम जिलानी के बारे में कुछ और जानकारी। नवल किशोर खंडेलवाल ने हजारीबाग से झंडा बनवाया है और बाबरी मस्जिद ढाहने के संघर्ष में सक्रिय रहे हैं। गुलाम जिलानी वीर वस्त्रालय में काम कर रहे हैं और इसी बाजार में झंडा बनाते हैं।  

राम मंदिर का निर्माण: 22 जनवरी 2024 को रामलला का स्वागत कैसे होगा?

राम मंदिर का निर्माण

राम मंदिर का निर्माण: एक आध्यात्मिक महोत्सव की तैयारी वह दिन  निकट आ रहा है जब अयोध्या में श्रीराम के मंदिर के भव्य विराजमान होने की घड़ी आने वाली है? 22 जनवरी 2024 को, सारा ब्रह्मांड इस अद्भुत दृश्य का साक्षी बनेगा। राम मंदिर के निर्माण की तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं। श्रीराम जन्मभूमि के महासचिव चंपत राय जी ने एक मनोहारी फोटो साझा की है। वह फोटो मंदिर के गर्भगृह की है, जहां भगवान राम विराजमान होंगे। यह फोटो बिल्कुल चमत्कारी है। चंपत राय जी ने फोटो साझा करते समय बताया कि प्रभु श्री रामलला का गर्भगृह लगभग तैयार हो चुका है। हाल ही में लाइटिंग-फिटिंग भी पूर्ण की गई है। गर्भगृह की यह तस्वीर राम मंदिर के निर्माण की गति का अद्भुत प्रतीक है। रामलला के लिए, 108 कलशों में भरकर पांच बैलगाड़ियों से 600 किलो गाय का घी गुरुवार को रामनगरी के कारसेवकपुरम पहुंचा। यह घी राजस्थान के जोधपुर की श्रीश्री महर्षि संदीपनी रामधर्म गौशाला से अयोध्या भेजी गई है। वर्षों की तपस्या से संचित 108 कलशों में भरे देशी गाय के 600 किलो घी से श्रीरामजन्मभूमि मंदिर में अखंड ज्योति जलेगी, हवन एवं प्रथम आरती भी इसी घी से होगी। यह घी गौशाला में ही बनाई गई है। 22 जनवरी को, सूर्यास्त के बाद देशभर के हिंदू घरों में दीपों की रोशनी होगी। यह दिन उस समय की याद दिलाएगा जब श्रीराम वनवास से अयोध्या लौटे थे और हर घर में दीप जलाए गए थे। इस बार भी, दीपों की चमक देशभर में उसी भावना को दर्शाएगी। Question and Answer   राम मंदिर का निर्माण कब शुरू हुआ था? राम मंदिर का निर्माण 2020 में शुरू हुआ था। क्या रामलला के स्थान पर मंदिर का निर्माण हो रहा है? हाँ, रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण अयोध्या में हो रहा है। इस परियोजना के पीछे क्या विचार हैं? यह परियोजना भगवान राम के जन्मस्थल पर मंदिर की बनावट को समर्थन देने का उद्देश्य रखती है। क्या मंदिर निर्माण के लिए आवश्यक सामग्री की तैयारी पूरी हो गई है? हाँ, मंदिर निर्माण के लिए आवश्यक सामग्री की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। निर्माण के लिए संगठन किस प्रकार से काम कर रहा है? मंदिर निर्माण के लिए संगठन ने समर्थन और दान के माध्यम से काम किया है।

भगवान श्रीराम की पादुकाए होगी सोने और चांदी की

भगवान श्रीराम की पादुकाए होगी सोने और चांदी की

भगवान श्रीराम की पादुकाए होगी स्थापित मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के बाद, 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में भगवान श्रीराम की पादुकाए भी स्थापित की जाएँगी। यह सांकेतिक प्रतीक विभिन्न शहरों में घूम रहा है और प्राण-प्रतिष्ठा के महोत्सव से पहले, 19 जनवरी को, ये पादुकाएं अयोध्या पहुँचेंगी। इन चरण पादुकाओं का निर्माण एक किलो सोने और सात किलो चांदी से किया गया है, और इन्हें हैदराबाद के श्रीचल्ला श्रीनिवास शास्त्री ने बनाया है। इसी सिलसिले में, 17 दिसंबर को रविवार को इन पादुकाओं को रामेश्वर धाम से अहमदाबाद लाया गया। इसके बाद, यहाँ से पादुकाएं सोमनाथ ज्योतिर्लिंग धाम, द्वारकाधीश नगरी, और बद्रीनाथ तक पहुँचाई जाएँगी। श्रीचल्ला श्रीनिवास ने इन पादुकों के साथ ही अयोध्या में निर्माणाधीन मंदिर की 41 दिनों की परिक्रमा भी की है। यह प्राचीन पादुकाएं भगवान श्रीराम के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण हैं, देशभर में धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में शामिल किया जा रहा है। इन पादुकाओं की पूजा और समर्पण से भक्त अपने आदर्शों और धार्मिक अनुष्ठानों में सकारात्मकता को बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। इस प्रतीक के महत्व को समझते हुए, इन पादुकाओं को मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के समय स्थानांतरित करने का निर्णय किया गया है ताकि श्रद्धालु भक्त इस अनुष्ठान में भाग ले सकें। इन पादुकाओं की यात्रा ने भारतीय संस्कृति को एकता और समरसता की ओर अग्रसर किया है, जिससे लोग एक-दूसरे के साथ साझा कर रहे हैं और इस महत्त्वपूर्ण घटना को समर्थन दे रहे हैं। Question and Answer   प्रश्न 1: इन पादुकाओं का निर्माण किसने किया है? उत्तर : ये पादुके हैदराबाद के श्रीचल्ला श्रीनिवास शास्त्री ने बनाए हैं। प्रश्न 2: इन पादुकाओं की यात्रा किस महत्वपूर्ण संदेश को दर्शाती है? उत्तर : इन पादुकाओं की यात्रा भारतीय संस्कृति में एकता और समरसता की ओर इशारा करती है, जिससे लोग एक-दूसरे के साथ साझा कर रहे हैं और इस महत्त्वपूर्ण घटना को समर्थन दे रहे हैं। प्रश्न 3: इन पादुकाओं का मंदिर के साथ क्या संबंध है? उत्तर : ये पादुके मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के समय स्थानांतरित किए जा रहे हैं ताकि श्रद्धालु भक्त इस अनुष्ठान में भाग ले सकें।

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