Just Another WordPress Site Fresh Articles Every Day Your Daily Source of Fresh Articles Created By Royal Addons

गुप्तेश्वर महादेव मंदिर: भगवान शिव का एक प्राचीन और रहस्यमय स्थल

गुप्तेश्वर महादेव मंदिर: भगवान शिव का एक प्राचीन और रहस्यमय स्थल

गुप्तेश्वर महादेव मंदिर: एक प्राचीन धार्मिक स्थल गुप्तेश्वर महादेव मंदिर, भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित एक प्राचीन मंदिर है जो अपनी ऐतिहासिक महत्ता और धार्मिक महिमा के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर नगर से करीब 8 किमी दूर स्थित है और उसके पास गांव चारूवा है, जो इस स्थान को और भी प्राचीनतम बनाता है। गुप्तेश्वर मंदिर का नाम गुप्त समय के अनुसार है, और इसका इतिहास प्राचीन काल में लिप्त है। मंदिर की खोज: अतीत की खोज गुप्तेश्वर मंदिर की खोज एक रोचक कथा के साथ जुड़ी है। वर्षों पहले, स्थानीय गांववाले गुप्तेश्वर मंदिर के अस्तित्व को नहीं जानते थे। एक दिन, एक शिव भक्त को भगवान भोलेनाथ के स्वप्न में आवाज आई, जिसमें उन्हें टीले के नीचे मंदिर का प्रतीक दिखाई दिया। उन्होंने यह सपना गांव के लोगों के साथ साझा किया, और जब उन्होंने टीले के नीचे खोदना शुरू किया, तो वहां से गुप्तेश्वर मंदिर की खोज हुई। इसके बाद से, मंदिर ने गांव के लोगों की आस्था का केंद्र बना लिया है। ऐतिहासिक महत्ता: गुप्तेश्वर का रहस्य गुप्तेश्वर मंदिर का इतिहास बहुत प्राचीन है, और इसके चारों ओर कई पुरानी कथाएं और लोकप्रिय धार्मिक कथाएं हैं। इस मंदिर के पीछे एक गुफा भी है, जिसका रहस्य अभी तक हल नहीं हुआ है। लोग कहते हैं कि इस गुफा में कई अनदेखे गुप्त रहस्य हैं, जो अभी तक समझ में नहीं आए हैं। महाभारत काल का संबंध: धार्मिक अनुभव का केंद्र गुप्तेश्वर मंदिर का एक और महत्वपूर्ण संबंध महाभारत काल के साथ है। इस मंदिर के पास स्थित चक्रव्यूह का रहस्य अभी भी हल नहीं हुआ है, और यहां की स्थिति लोगों के धार्मिक अनुभव को और भी महत्त्वपूर्ण बनाती है। पर्यटन का केंद्र: धार्मिकता के साथ सौंदर्य गुप्तेश्वर मंदिर अब एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल भी बन चुका है। यहां के सौंदर्य, ऐतिहासिक महत्ता, और धार्मिक वातावरण लोगों को आकर्षित करता है। समाप्ति गुप्तेश्वर मंदिर एक ऐतिहासिक, धार्मिक, और पर्यटन स्थल है जो भारतीय सभ्यता की धार्मिकता और समृद्धि को प्रतिनिधित करता है। इसके अतिरिक्त, इसका रहस्यमय और आकर्षक इतिहास इसे विशेष बनाता है। Question and Answer 1: गुप्तेश्वर मंदिर कहाँ स्थित है? उ: गुप्तेश्वर मंदिर, भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित है। 2: मंदिर की खोज कैसे हुई? उ: मंदिर की खोज एक रोचक कथा के साथ जुड़ी है। 3: मंदिर का ऐतिहासिक महत्ता क्या है? उ: गुप्तेश्वर मंदिर का ऐतिहासिक महत्ता बहुत प्राचीन है, और इसके चारों ओर कई पुरानी कथाएं और लोकप्रिय धार्मिक कथाएं हैं। 4: मंदिर का महाभारत काल से क्या संबंध है? उ: गुप्तेश्वर मंदिर का एक महत्वपूर्ण संबंध महाभारत काल के साथ है। 5: क्या मंदिर पर्यटन का केंद्र है? उ: गुप्तेश्वर मंदिर अब एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल भी बन चुका है।

भूतेश्वर महादेव मंदिर: 40 दिनों की पूजा से प्रसन्न होता है

भूतेश्वर महादेव मंदिर: 40 दिनों की पूजा से प्रसन्न होता है

भूतेश्वर महादेव मंदिर में विशेषता: धार्मिक महत्त्व और अनूठा इतिहास Bhuteshvar mahadev mandir: भूतेश्वर महादेव को 40 दिनों की पूजा से प्रसन्न होते हैं। भूतेश्वर महादेव मंदिर श्रीधर में स्थित एक प्राचीन सिद्धपीठ है जो अपने अनूठे इतिहास के साथ प्रसिद्ध है। इस मंदिर की स्थापना मराठा काल में भूगर्भ से शिवलिंग के प्रकट होने पर हुई थी। यहां 40 दिनों तक नियमित दीपक जलाने वाले भक्त को मनोवांछित फल मिलता है। Bhuteshvar mahadev mandir प्रांगन: श्रावण मास  में भूतेश्वर महादेव मंदिर अत्यंत महत्त्वपूर्ण हो जाता है। 22 बीघा भूमि पर बना यह मंदिर अपने पौराणिक और धार्मिक महत्त्व के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर की स्थापना 17वीं शताब्दी में भूगर्भ से शिवलिंग के प्रकट होने पर हुई थी। मंदिर की नक्काशी जो मन को आकर्षित करती थी, उसे मंदिर के रख-रखाव और सुंदरीकरण के दौरान खत्म कर दिया गया। महानगर में चार शिवालयों में भी यह मंदिर प्रमुख है। पूरे वर्ष, विशेष रूप से श्रावण मास में, इस मंदिर में दूसरे जिलों और प्रदेशों से श्रद्धालु आकर मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए पूजा-अर्चना करते हैं। Bhuteshvar mahadev mandir प्रांगन मैं हुआ चमत्कार: मंदिर के पंडित अनूप शर्मा ने बताया कि 40 वर्ष पहले रात में रोजाना दस बजे मंदिर के कपाट बंद किए जाते थे। एक रात श्रावण मास में, तीन बजे मंदिर के कपाट खुद ही खुल गए और सभी घंटियां बजने लगीं। शिवलिंग के पास गए तो वहाँ भगवान शंकर का श्रृंगार हो रहा था और उनकी आरती भी चल रही थी। माना जाता है कि इस घटना में साक्षात देवताओं ने भगवान शंकर की आरती की थी। इस प्राचीन मंदिर की रक्षा भगवान शंकर और उनके रुद्रावतार हनुमान जी करते हैं। एक बार श्रावण मास में आधी रात के दौरान सफेद कपड़ों और दाढ़ी में करीब 20 फीट लंबे एक बाबा दिखाई दिए थे, जिन्हें भक्तों ने स्वयं देखा था। वे श्रीराम दरबार की ओर बढ़े, और फिर वहां से शिवालय की तरफ चले गए, वहां से वे लुप्त हो गए। माना जाता है कि वो भगवान शंकर थे। इसी तरह, कई वर्षों से भगवान शंकर के अवतार हनुमान जी को भी मंदिर परिसर में भ्रमण करते देखा जाता है। श्री भूतेश्वर महादेव प्रबंध समिति के अध्यक्ष आलोक गर्ग और मंत्री हेमंत मित्तल ने बताया कि मंदिर में रोजाना बाबा भूतेश्वर को भोग लगाया जाता है। सुबह चार बजे मंदिर के कपाट खुलते हैं और श्रद्धालु बाबा के दर्शन को पहुंचते हैं। फिर आठ बजे भोग लगाया जाता है। दोपहर 12 बजे भोग लगाकर कपाट बंद कर दिए जाते हैं, जो शाम चार बजे खुलते हैं और रात में दस बजे बंद होते हैं। इस मंदिर की देखभाल अनूप शर्मा, मनोज वशिष्ठ, शिवनाथ पांडेय, गोपाल शर्मा, और राजीव शर्मा करते हैं। Question and Answer प्रश्न 1: पूजा कितने दिनों तक करनी चाहिए? उत्तर: भूतेश्वर महादेव मंदिर में 40 दिनों की पूजा का विशेष महत्व है। प्रश्न 2: मंदिर के समय संबंधित नियम क्या हैं? उत्तर: मंदिर सुबह 4 बजे खुलता है, जहाँ भक्त बाबा भूतेश्वर को भोग लगाते हैं। दोपहर में 12 बजे और शाम में 4 बजे भी भोग लगाया जाता है, और रात 10 बजे मंदिर बंद हो जाता है। प्रश्न 3: मंदिर में उपलब्ध सुविधाएं क्या हैं? उत्तर: यहाँ पूजारी द्वारा भोग लगाने की सुविधा है और व्यक्तिगत पूजा आयोजन कर सकते हैं। प्रश्न 4: क्या धार्मिक समारोहों का आयोजन होता है? उत्तर: हां, यहाँ विभिन्न पर्व और धार्मिक त्योहारों में विशेष आयोजन होते हैं। प्रश्न 5: मंदिर का समय क्या है और बंद किस समय होता है? उत्तर: मंदिर सुबह 4 बजे खुलता है और रात 10 बजे बंद होता है।      

भूतेश्वर मंदिर: भक्तों की मान्यताओं और रहस्यों का गहरा अध्ययन

भूतेश्वर मंदिर

भूतेश्वर मंदिर: उसके रहस्य और महत्त्व भोलेनाथ’ को सभी देवी-देवताओं में सबसे भोला माना जाता है, जिन्हें न केवल देवों के देव महादेव कहा जाता है। यही कारण है कि ये अपने भक्तों पर शीघ्र ही प्रसन्न होकर उनकी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं। हिंदू धर्म में ब्रह्मा जी को इस सृष्टि के रचनाकार, विष्णु जी को पालनकर्ता कहा गया है, वहीं भोलेनाथ को सहांर के देवता का दर्जा प्राप्त है। शिव पुराण के साथ साथ हिंदू धर्म के अन्य शास्त्रों में भी महाकाल से जुड़े कईं रहस्य बताए गए हैं। जो न केवल दिलचस्प हैं बल्कि हैरान जनक भी हैं। आज हम आपको इसी कड़ी में शिव जी के एक प्रसिद्ध मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो प्राचीन तो है ही, बल्कि साथ ही साथ अपने आप में बेहद विशेष है। जिस मंदिर की हम बात कर रहे हैं, वह उत्तर प्रदेश के कानपुर में भूतेश्वर मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। इस मंदिर से जुड़ी मान्यता के अनुसार इसकी सबसे खास बात यह है कि इस मंदिर का निर्माण मानव जीव द्वारा नहीं, बल्कि प्राचीन समय में भूतों द्वारा करवाया गया था। चलिए आपकी उत्,सुक्ता को और न बढ़ाते हुए जानते हैं क्या है इस मंदिर से जुड़ी अन्य रोचक जानकारी। मंदिर से जुड़ी खास जानकारी – मंदिर के बारे में भक्तों का मानना है कि यहां विराजमान बाबा भूतेश्वर सबकी मनोकामनाओं को शीघ्र पूरा करते हैं। खास तौर पर सावन के महीने में यहां श्रद्धालु दूर-दूर से बाबा के दर्शन के लिए आते हैं। बात करें मंदिर के निर्माण की, तो स्थानीय लोगों का कहना है कि इसका निर्माण भूतों ने करवाया था। खास बात यह है कि इस मंदिर को बनवाने के लिए सालों-साल का समय नहीं, बल्कि इसे रातों-रात बनवाया गया था। जिस कारण इस स्थल का नाम भूतेश्वर महादेव मंदिर पड़ा। जानकारी के लिए बता दें भूतेश्वर का अर्थ है ‘भूतों के ईश्वर’। मंदिर के महांत महाराज गिरी के मुताबिक मंदिर हजारों साल पुराना है। उनके अनुसार इस मंदिर का संबंध न केवल भगवान शिव व भूतों से है, बल्कि श्री राम से भी माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम ने जब सीता माता का परित्याग कर दिया था, तब सीता माता यहां लव-कुश के साथ बिठूर में रहती थीं। मंदिर परिसर के बारे में बात करें तो पुजारियों के अनुसार प्राचीन समय में मंदिर के भीतर दो सुरंगे थी जिसमें से एक रावतपुर क्षेत्र में और दूसरी बिठूर क्षेत्र में खुलती थी। ऐसा कहा जाता है कि रावतपुर की रानी रौतेला इन सुरंगों से होकर भूतेश्वर महादेव की पूजा करने के लिए आती थीं। चूंकि रौतेला रानी बेहद खूबसूरत थी, उन्हें कोई देख न पाए इसलिए रावतपुर के राजा ने उनके लिए दो सुरंगों का निर्माण करवाया दिया था, जो आज भी यहां मौजूद हैं। यहां के लोगों को भूतेश्वर महादेव में अटूट विश्वास है। उनका मानना है कि भूतेश्वर बाबा किसी की भी मनोकामना को व्यर्थ नहीं जाने देते, सभी भक्त बाबा के द्वार से प्रसन्न होकर जाते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण हो जाने के बाद बाबा को पीतल के घण्टे चढ़ाते हैं। Question and answer   प्रश्न: भूतेश्वर मंदिर कहां स्थित है? उत्तर: भूतेश्वर मंदिर उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में स्थित है। प्रश्न: क्या इस मंदिर का निर्माण मानवों ने किया था? उत्तर: नहीं, मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण प्राचीन समय में भूतों द्वारा किया गया था। प्रश्न: मंदिर में क्या विशेषता है? उत्तर: भक्तों का मानना है कि यहां विराजमान बाबा भूतेश्वर सभी मनोकामनाओं को शीघ्र पूरा करते हैं, खासतौर पर सावन के महीने में यहां श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए आते हैं। प्रश्न: मंदिर के परिसर में क्या है? उत्तर: मंदिर के भीतर प्राचीन समय में दो सुरंगे थीं, जो रावतपुर और बिठूर क्षेत्र में जाती थीं। प्रश्न: क्या मंदिर के इतिहास में किसी अन्य धार्मिक महत्त्व का जिक्र है? उत्तर: पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम के जीवन का एक हिस्सा माना जाता है कि उन्होंने सीता माता के परित्याग के बाद यहां लव-कुश के साथ रहा था। प्रश्न: भूतेश्वर महादेव के मंदिर में लोगों की विश्वासपूर्ण दृष्टि क्या है? उत्तर: यहां के लोग विश्वास करते हैं कि भूतेश्वर बाबा किसी की भी मनोकामना को व्यर्थ नहीं जाने देते और मनोकामनाएं पूर्ण होने पर बाबा को पीतल के घण्टे चढ़ाते हैं।

क्या है Bhuteshvar nath mahadev mandir jaipur का सच?

क्या है Bhuteshvar nath mahadev mandir jaipur का सच?

भूतेश्वर नाथ महादेव मंदिर, जयपुर:(Bhuteshvar nath mahadev mandir jaipur) जयपुर शहर के आसपास स्थित भूतेश्वर नाथ महादेव मंदिर का इतिहास जयपुर के वसने से पहले का बताया जाता है। इस मंदिर को अरावली की पहाड़ियों के बीच में स्थापित किया गया है, जो जयपुर के आमेर क्षेत्र में अनदेखे ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों की सौंदर्य पर ध्यान आकर्षित करते हैं। यहाँ की विशेषता यह है कि यह मंदिर पहाड़ियों से घिरा हुआ है। जयपुर, राजस्थान की राजधानी, में भगवान महादेव के कई प्रमुख मंदिर हैं, जिनकी सभी अपनी अद्भुत कहानी से भरपूर हैं। भूतेश्वर नाथ महादेव मंदिर भी उनमें से एक है, जिसमें अनोखी कहानी छिपी है। महाशिवरात्रि के दिन इस मंदिर में सुबह 6 बजे से रात 11-12 बजे तक भक्तों की भीड़ लगी रहती है। यहाँ के निवासी बताते हैं कि यह मंदिर आसपास के लोगों के बीच मशहूर है। इस मान्यता के अनुसार, इस मंदिर में जो कोई भी मांगता है, उसे भूतेश्वर नाथ महादेव पूरा करते हैं। यहाँ अंबर, जयपुर, हरियाणा और दिल्ली से लोग दर्शन करने आते हैं। यह एक अनोखा मंदिर है और सावन के महीने में यहाँ काफी भीड़ उमड़ जाती है। लगभग 30 साल से इस मंदिर में दर्शन करने वाले दयाशंकर ने कहा है कि इस मंदिर की महिमा अद्वितीय है। इस मंदिर की स्थापना कब हुई इस बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है। भूतेश्वर नाथ महादेव मंदिर का इतिहास (Bhuteshvar nath mahadev mandir history) मंदिर पर चढ़ने के लिए कई सीढ़ियां बनी हुई हैं। ऊपर जाने पर मंदिर पत्थर के कई खंभों पर खड़ा है। गर्भगृह और मंदिर को देखने पर मंदिर की प्राचीनता का आभास होता है। गर्भगृह के अंदर प्राचीन स्वयंभू शिवलिंग मौजूद है। शिवलिंग की लंबाई करीब २.५ फीट है और इसे अत्यंत अलौकिक प्रतीत किया जाता है। मंदिर में सेवा पूजा का कार्य पुजारी ओमप्रकाश पारीक का परिवार अपनी तेरह पीढ़ियों से कर रहा है। इस मंदिर को बनाने वाले कारीगर का नाम चंदाराम कुमावत था। बाद में इस स्थान पर मंगल बंदी नाम के एक तपस्वी महात्मा आए और उन्होंने अपनी तपस्या के बल से उन जिन्नों और भूतों को जीत लिया, जो मंदिर में पूजारी को मार डालते थे। आज भी मंगल बंदी महाराज की समाधि मंदिर के पास एक तपस्या स्थल पर है। पुजारी बताते हैं कि महाराज के पास चार शिष्य रहते थे, जिनके नाम केदार बंदी, शंकर बंदी आदि थे। भूतेश्वर नाथ महादेव मंदिर जयपुर के चारों तरफ जंगल  भूतेश्वर नाथ महादेव मंदिर की बड़ी महिमा है, जो इस मंदिर को जयपुर शहर के बसने से पहले का बताती है। इसकी वास्तुकला 17वीं शताब्दी में बनाई गई थी और यहाँ के लोग बताते हैं कि धीरे-धीरे इसमें और भी कई निर्माण किए गए। मंदिर की विशेषता यह है कि यह गहरे और घने जंगल के बीच में स्थापित किया गया है। भूतेश्वर नाथ महादेव मंदिर आमेर में नाहरगढ़ अभ्यारण्य से पांच किलोमीटर अंदर जाकर पहाड़ी के बीच में स्थित है। इसका इतिहास कोई नहीं जानता, पर यहाँ की कहानी बहुत ही रहस्यमय है। इस मंदिर में अब भक्तों की भीड़ होती है और पूजा-अर्चना की जाती है। Question and Answer पृश्न 1: भूतेश्वर नाथ महादेव मंदिर कहाँ स्थित है? उत्तर: भूतेश्वर नाथ महादेव मंदिर जयपुर के आमेर क्षेत्र में स्थित है। पृश्न 2: मंदिर का इतिहास क्या है? उत्तर: इस मंदिर की स्थापना जयपुर के बसने से पहले हुई थी, लेकिन इसके बारे में अधिक जानकारी नहीं है। पृश्न 3: भूतेश्वर नाथ महादेव मंदिर में क्या मान्यताएँ हैं? उत्तर: मान्यता है कि इस मंदिर में जो कुछ भी मांगता है, उसे भूतेश्वर नाथ महादेव पूरा करते हैं। यहाँ के लोग दर्शन करने भारी संख्या में आते हैं। पृश्न 4: मंदिर की विशेषताएँ क्या हैं? उत्तर: यह मंदिर घने जंगल के बीच स्थित है और इसकी वास्तुकला 17वीं शताब्दी में बनाई गई थी। इसकी प्राचीनता और अद्भुतता इसे विशेष बनाती है।

© 2023 Created with Royal Elementor Addons