Just Another WordPress Site Fresh Articles Every Day Your Daily Source of Fresh Articles Created By Royal Addons

Kanak Bhavan: माता कैकेयी की इच्छा और सीता-राम का निवास

Kanak Bhavan: सीता-राम का निवास

 Kanak Bhavan Ayodhya: प्रभु श्रीराम ने जब भगवान शिव के धनुष को तोड़कर सीता जी का स्वयंवर जीता, तो राजा जनक ने उनकी बेटी के साथ उनका विवाह बड़े धूमधाम से करवाया।

विवाह के बाद प्रभु राम और माता सीता को अयोध्या जाना था, लेकिन पहले वे कुछ दिन अपने ससुराल जनकपुरी में ही ठहरे। एक रात, उन्हें एहसास हुआ कि जनकनंदिनी वैदेही अब अयोध्या जानी चाहिए, और वहां एक बेहद सुंदर भवन होना चाहिए।

रानी कैकेयी को स्वप्न में कनक भवन का दर्शन हुआ, जिस समय भगवान राम के मन में माता सीता के लिए सुंदर भवन की बात आई थी। अगले दिन, महारानी कैकेयी ने महाराजा दशरथ को स्वप्न में दिखे कनक भवन की छवि दिखाई, और उन्होंने अयोध्या में उसका निर्माण करने की इच्छा व्यक्त की। इस प्रेरणा के साथ, शिल्पी विश्वकर्मा ने राजा दशरथ के आदेश पर अत्यंत सुंदर कनक भवन बनाया।

जब प्रभु राम नवविवाहित पत्नी सीता जी के साथ अयोध्या लौटे, तो उनका जोर-शोर से स्वागत हुआ। सभी रानियाँ जनकदुलारी सीता जी को बहुत सारे तोहफे देने में लगीं, लेकिन सबसे खास तोहफा रानी कैकेयी ने दिया।

उन्होंने रत्नों से जड़ा हुआ सोने का कनक भवन सीता को मुंहदिखाई में प्रस्तुत किया। विवाह के बाद, राम-सीता इस भवन में रहे। यह महल बेहद सुंदर था और सीता-राम का अन्त:पुर था।

रानी कैकेयी ने ही मांगा था वनवास। वहीं कैकेयी ने दशरथ से मांगा था कि राम को 14 वर्ष का वनवास और उनके पुत्र भरत को अयोध्या की राजगद्दी मिले। इसके बाद, प्रभु राम ने अपने पिता के वचन का पालन करते हुए 14 साल तक वन-वन घूमा।

Question and Answer

प्रश्न: क्या कनक भवन सीता-राम के निवास का केंद्र था?
उत्तर: हां, कनक भवन सीता-राम के निवास का केंद्र था।

प्रश्न: कनक भवन का महत्त्व और इसकी राजनैतिक संबंधित कहानी क्या है?
उत्तर: कनक भवन का महत्त्व उसकी राजनैतिक संबंधित कहानी से आता है, जो महारानी कैकेयी की इच्छाओं और भगवान राम के वनवास से जुड़ी है।

प्रश्न: क्या इस भवन के बारे में कोई पौराणिक कथा है?
उत्तर: हां, कुछ पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि महारानी कैकेयी को स्वप्न में कनक भवन का दर्शन हुआ था।

© 2023 Created with Royal Elementor Addons