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राम मंदिर: नागर शैली (Nagarshaili) में क्यों बनाया गया राम मंदिर?
Nagarshaili: राम मंदिर का निर्माण भारतीय संस्कृति और ऐतिहासिक धारा के महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में माना जाता है। यह मंदिर नागर शैली में बनाया गया है, जो भारतीय स्थापत्यकला का एक महत्वपूर्ण अंग है। इस लेख में हम जानेंगे कि नागर शैली में राम मंदिर का निर्माण क्यों किया गया और इसकी खासियत क्या है।
नागरशैली (Nagarshaili) : भारतीय स्थापत्यकला का अद्वितीय रूप
नागरशैली भारतीय स्थापत्यकला की एक प्रमुख शैलियों में से एक है। यह उत्तर भारत के कई प्राचीन मंदिरों में पाया जाता है। इस शैली के मंदिर हिमालय से विंध्याचल पर्वत के बीच स्थित हैं। नागर शब्द की उत्पत्ति ‘नगर’ से हुई है, जो शहर को दर्शाता है। यह शैली मुख्य रूप से 7वीं शताब्दी की है और चोल काल में इसका विकास हुआ।
नागरशैली के विशेषताएं
नागरशैली के मंदिरों का निर्माण बड़े चबूतरे पर किया जाता है। इन मंदिरों में गर्भगृह, शिखर, आमलक, कलश, और शिखर पर ध्वज के साथ आकर्षक आर्किटेक्चर होता है। नागर शैली के मंदिरों के गर्भगृह के आगे तीन मंडप होते हैं और इन मंडप के आगे सीढ़ियां होती हैं, जो मंदिर के चबूतरे पर जाती हैं। इन मंदिरों की खासियत में उनकी ऊंचाई, सुंदर भवन निर्माण और विस्तारित संरचना शामिल है।
राम मंदिर की खासियत
राम मंदिर उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित है और यह नागर शैली में बना है। इस मंदिर का निर्माण 380 फीट लंबा, 250 फीट चौड़ा और 161 फीट ऊंचा होगा। यह मंदिर तीन मंजिला होगा, जिसमें कुल 392 खंभे और 44 द्वार होंगे। मंदिर की स्थापना की डिजाइन को चंद्रकांत सोमपुरा और आशीष ने मिलकर तैयार किया है। मंदिर के स्तंभों और दीवारों पर हिंदू देवी-देवताओं और देवियों के चित्रण प्र
दर्शित हैं। मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार पूर्वी दिशा में स्थित है, जहां से श्रद्धालु 32 सीढ़ियों को चढ़कर मुख्य मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
राम मंदिर में कुल पांच मंडप होंगे – नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप, और कीर्तन मंडप। इसके अलावा, आरसीसी की 14 मीटर मोटी परत मंदिर की नींव का निर्माण किया गया है। मंदिर के निर्माण में लोहे का उपयोग नहीं किया गया है, बल्कि इसमें ग्रेनाइट का उपयोग किया गया है।
राम मंदिर का परिसर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, अग्नि सुरक्षा के लिए जल आपूर्ति, एक सीवेज ट्रीटमेंट संयंत्र, और एक बिजली स्टेशन भी शामिल हैं। यह सभी सुविधाएँ मंदिर के संरक्षण और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए हैं।
राम मंदिर का निर्माण एक महत्वपूर्ण मोमेंट है, जो भारतीय सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासत के रूप में माना जाता है। इसकी नागर शैली में बनाई गई संरचना उसकी विशेषता को और भी विश्वसनीयता और सम्मानजनकता प्रदान करती है।
Question and Answer
- राम मंदिर का निर्माण कब और क्यों हुआ?
- राम मंदिर का निर्माण कार्य 1989 में शुरू हुआ था। यह मंदिर भगवान श्री राम के जन्मस्थल पर बनाया गया है, जिसे एक स्थानीय विवाद के चलते बाबरी मस्जिद के निर्माण के बाद तोड़ दिया गया था।
- राम मंदिर की शैली क्या है?
- राम मंदिर नागर शैली में बनाया गया है, जो भारतीय स्थापत्यकला का एक प्रमुख अंग है। यह शैली उत्तर भारत के कई प्राचीन मंदिरों में पायी जाती है।
- राम मंदिर के निर्माण में कितना खर्च हुआ?
- अभी तक राम मंदिर के निर्माण में लगभग 1100 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।
- राम मंदिर की ऊंचाई क्या है?
- राम मंदिर की ऊंचाई 161 फीट है, और यह तीन मंजिला है।
- मंदिर में कितने मंडप हैं?
- राम मंदिर में कुल पांच मंडप हैं – नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप, और कीर्तन मंडप।